कलश स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र शुरू

संस, सहरसा: शनिवार को गायत्री शक्तिपीठ समेत विभिन्न दुर्गा मंदिरों में कलश स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र शुरू हुआ। मंदिरों में दुर्गा शप्तशती का पाठ गुंजने लगा। हकपाड़ा में पहलीबार दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सैकड़ों महिलाओं व नवयुवतियों ने मंगल कलश लेकर शहर भ्रमण किया।

वासंतिक नवरात्र के प्रथम दिन कलश स्थापन एवं आदि शक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजन विधि-विधान पूर्वक किया गया। पूजन का शुभारंभ भक्तिभाव से मातृ वंदना से हुआ । तथा जयंती भी डाला गया। गायत्री शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए डा. अरूण कुमार जायसवाल ने कहा कि श्रृष्टि का निर्माण आदि शक्ति मां गायत्री की कृपा से हुआ। उन्होंने कहा कि नवरात्र केनौ दिन तक शक्ति को साधने का है। शक्ति साधना में नौ चक्र है और नौ देवी है। आदि शक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री है। शैलपुत्री का मतलब है जहां चेतना सुसुप्तावस्था में है। चेतना के जागृति का आधार है। जागृति नहीं है। शैलपुत्री अर्थात पार्वती। आज जो हम जप व ध्यान करेंगे वह मूल आधार में है। नवमें दिन ज्ञान की प्रभा प्रकट होती है। कहा कि शक्ति साधना प्रकृति का विज्ञान है।

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मां शैलपुत्री का पूजन शक्तिपीठ की देव कन्या मनीषा ,मधु एवं अन्य कन्याओं ने विधिपूर्वक करवाई। हकपाड़ा चैती दुर्गा पूजा समिति की मंजू देवी के साथ महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। इसमें रामानंद साह, रामचंद्र साह, सीता राम साह, केदार साह, पुरूषोत्तम गुप्ता, कृष्ण गुप्ता, जवाहर गुप्ता चांदन आदि पूजा को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
बैजनाथपुर: शनिवार को कलश स्थापना के साथ नवरात्र शुरू हुआ गया। खजूरी गांव स्थित दुर्गा मंदिर समेत अन्य सभी मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही है। मां मनोकामना दुर्गा मंदिर के पुजारी रामनारायण यादव ने बताया कि चैत्र नवरात्रा में माता की विशेष रूप से आराधना की जाती है।

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