फेरी सेवा में दुर्घटनाग्रस्त चित्रोगंधा जहाज जांच टीम के लिए बना बड़ा सुराग

राजीव कुमार, पूर्णिया। मनिहारी - साहिबगंज फेरी सेवा के दौरान जिस एमवी चित्रोगंधा नामक जहाज से 24 मार्च की रात दुर्घटना हुई है वह जांच में बड़ा सुराग बन गया है। इस दुर्घटना की जांच के लिए कटिहार जिला प्रशासन ने दो सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। इस मामले की जांच का जिम्मा कटिहार के अपर समाहर्ता विजय कुमार एवं मुख्यालय डीएसपी श्री रश्मि को सौंपा गया है। जिस जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने की बात सामने आई है उसने जांच टीम के लिए बड़ा सुराग दे दिया है कि किस तरह से मनिहारी- साहिबगंज फेरी सेवा के दौरान किस तरह से अवैध ढंग से ना केवल रात में फेरी सेवा का परिचालन किया जा रहा


था बल्कि फेरी सेवा के दौरान उन जहाजों का परिचालन किया जा रहा था, जिनका फेरी सेवा के बंदोबस्ती के दौरान निबंधन नहीं हुआ है। इसके पूर्व झारखंड में जो फेरी सेवा की बंदोबस्ती हुई थी, उसमें दो मालवाहक जहाज एवं तीन सवारी जहाज के परिचालन का उल्लेख हैं, जबकि चोरी छिपे आधा दर्जन से अधिक मालवाहक जहाजों का परिचालन किया जा रहा था। इसके अलावा बंदोबस्ती जिन दो घाटों के बीच फेरी सेवा के परिचालन का हुआ था उससे अलग घाट बनाकर इन अवैध मालवाहक जहाजों का दिन रात परिचालन किया जा रहा था। इसमें झारखंड के साहिबगंज जिले एवं बिहार के कटिहार के मनिहारी के स्थानीय अधिकारियों द्वारा ना तो कभी फेरी सेवा में इतनी बड़ी संख्या में चल रहे मालवाहक जहाजों की संख्या की जांच की गई और ना ही उनके अवैध परिचालन को रोकने का प्रयास किया गया।
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फेरी सेवा में दो मालवाहक जहाजों के परिचालन का हुआ था निबंधन
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जानकारी के अनुसार इसके पूर्व जो झारखंड से फेरी सेवा की बंदोबस्ती हुई थी उसमें दो मालवाहक जहाजों का फेरी सेवा में संचालन के लिए निबंधन हुआ था, उसमें टाइडल - चार जिसकी क्षमता 24 ट्रक लोड करने तथा टाइडल -तीन जिसकी क्षमता 10 ट्रकों को लोड करने की थी, शामिल किया गया था। इसके अलावा सवारी जहाजों में रामप्रसाद, गौर एवं सुकंदा का नाम दर्ज था। मगर इसके अलावा इन्फ्रालिक नामक जहाज जिसका परिचालन सकरी घाट से किया जा रहा था तथा इसकी क्षमता 22 ट्रकों की हैं, अवैध ढंग से किया जा रहा था। इसके अलावा टाइडल- पांच जिसकी क्षमता 20 ट्रकों, एमभी चित्रोगंधा जिसकी क्षमता 15 ट्रकों की तथा मेघा- वन जिसकी क्षमता 10 ट्रकों का था, इसका गरम घाट से अवैध ढंग से परिचालन किया जा रहा था।
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चित्रोगंधा नामक जहाज हुआ था दुर्घटना का शिकार
--------------------------------------- 24 मार्च की रात जिस चित्रोगंधा नामक मालवाहक जहाज दुर्घटना का शिकार हुआ था, उसका भी परिचालन अवैध ढंग से किया जा रहा था। इस जहाज से हुई दुर्घटना ने जांच टीम को बैठे बिठाए इस फेरी सेवा में बरती जा रही धांधली का साक्ष्य उपलब्ध करा दिया। अवैध जहाज के अलावा रात में फेरी सेवा का संचालन, संचालन के दौरान 14 एवं 16 चक्का ट्रकों से पत्थर की ढुलाई जैसे साक्ष्य भी जांच टीम को हाथ लग गया है। अब इस मामले में जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जिसके बाद फेरी सेवा के अवैध तरीके से संचालन में शामिल पदाधिकारियों एवं फेरी सेवा के संचालकों पर कार्रवाई की गाज गिरना तय माना जा रहा है। कोट के लिए
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फेरी सेवा में कहां पर गड़बड़ी हुई है, इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है। इसमें एडीएम विजय कुमार एवं मु्ख्यालय डीएसपी श्री रश्मि को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। रिपोर्ट आने के बाद इस मामले के सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जितेन्द्र कुमार, एसपी, कटिहार।

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