पति की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने मनाया गणगौर महोत्सव

संवाद सूत्र, सहरसा : शहर में गणगौर महोत्सव धूमधाम के साथ मनायी गयी। महोत्सव को लेकर विवाहिता महिलाएं शिव- पार्वती की बनायी गयी मूर्ति सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना की। नवविवाहिता अपने पति की लंबी आयु के लिए एवं कुंवारी कन्याएं अपने भाई की लंबी उम्र के लिए गणगौर की पूजा करती है। गणगौर महोत्सव मारवाड़ी समाज के लोग बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते हैं। त्योहार होलिका के दिन से शुरू होता है। होलिका के समय नव विवाहिता होलिका का पांच फेरा लेती है। उसके बाद होली वाले दिन होलिका की ठंडी राख से आठ पिडिया और गोबर की आठ पिडिया बनाकर पूजन शुरू करती है। आठ दिन पूजन करने के बाद कुम्हार से मिट्टी लाकर पांच मूर्तियां बनाती है। पांच मूर्तियों में ईशर, गौरां, सोवां, मालन और कानीराम की मूर्ति बनती है। ईशर भगवान शिव के रूप में, गौरां पार्वती के रूप में, सौवां पार्वती की बहन, मालन माली के रूप में और कानीराम शिव के भाई के रूप में पूजती है। यह पूजन सोलह से सत्रह दिन चलता है। अंतिम दिन सोलह कुंआ का पानी लाकर गणगौर को नव विवाहिता पिलाती है। दूब और फूल से पूजा की जाती है। अंतिम दिन जितनी सुहागिन औरत है वह सभी इसका पूजन करती है। सोलह दिन पूजा की हुई दूब एवं फूल को किसी तालाब या पोखर में विसर्जित करती है। सूर्यास्त से पहले यह पूजन नव विवाहिताएं प्राय: अपने मायके में ही पूजती है। पूजन के बाद तालाब में विसर्जन के बाद सभी नव विवाहिताएं गणगौर विसर्जन के दूसरे दिन अपने- अपने ससुराल चली जाती है। इस बार नवविवाहिताओं में शामिल जूही सुरेका, शिवानी सर्राफ, रेशम शर्मा, पूजा बगेडिया के अलावा कई कन्याओं ने पूजन कार्य की ।


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