महाराष्ट्र के जलगांव से अनुभव लेकर लौटे 46 किसान, अब नई तकनीक से करेंगे खेती

संस,केनगर (पूर्णिया)। जिले के किसान अब नई तकनीकी से खेती कर अपनी उपज बढ़ा पाएंगे। बता दें कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अंतर्गत पूर्णिया जिले से लगभग तीन दर्जन से अधिक किसान महाराष्ट्र के जलगांव जिले गए थे।

जिले से 46 किसनों की टीम गई थी जिसमें 14 केनगर प्रखंड के किसान शामिल थे। किसानों के साथ अमौर प्रखंड के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी रामजीत यादव भी शामिल थे। महाराष्ट्र से लौटे किसानों ने बताया कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजनान्तर्गत जिले से राज्य के भ्रमण कार्यक्रम के आयोजक राज्य बागवानी मिशन बिहार पटना एवं इंस्टीट्यूट आफ हार्टीकल्चल टेक्नोलाजी थे जिसके माध्यम से सात दिनों के लिए महाराष्ट्र के जलगांव जिले में उन लोगों ने अनुभव प्राप्त किया। वहां जैन इरिगेशन का एक बड़ा प्लांट स्थापित है तथा टिशु बनाने का बहुत बड़ा हार्वेस्टिग सेंटर है। वहां विभिन्न तकनीक के माध्यम से किसान खेती करते हैं। वहां किसानों ने सात दिनों में नई तकनीकी के माध्यम से खेती का गुर सीखा। अब वे उसका उपयोग अपने खेतों में करेंगे साथ ही अन्य किसानों को सिखाने का प्रयास करेंगें। महाराष्ट्र से लौटे किसानों ने बताया कि वहां के किसान बहुफसली खेती करते हैं। बताया कि केले के साथ साथ आम, अमरूद, निबू, हाइड्रोपोनिक्स व अन्य फल, फूल एवं सब्जी का उत्पादन किया जा सकता है। उत्पादन में तकनीकी का उपयोग कर अच्छी पैदावार किया जा सकता है। भ्रमण पर गये किसानों में अमौर से बिरेंद्र प्रसाद साह, जलालगढ़ से जितेंद्र कुशवाहा, अनंत दास, निर्मल, कसबा से मायानंद विश्वास, बीकोठी से अजय झा, भवानीपुर से पंकज कुमार सिंह, श्रीनगर से मिथलेश कुमार, प्रदीप कुमार मोदी, पवन कुमार मेहता, बनमनखी से अरूण मालाकार, पवन तथा रूपौली से अनिल, मिथलेश, विपिन, पवन , बिनोद मंडल धमदाहा से अरूण मेहता आदि किसान शामिल थे।
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