निविदा में चल रहा मनमानी का खेल, संवेदक संघ ने खोला पोल

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिले में निविदा के नाम पर बड़े पैमाने पर खेल किया जा रहा है। विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से चहेते संवेदकों को काम एलाट करने के लिए नियम कानून को ताक पर रख कर काम किया जाता है। जिले में हो रहे खेल का यह मामला विभागीय मंत्री तक पहुंचा है।

प्रमंडलीय संवेदक संघ ने मंत्री को आवेदन देकर विभागीय अभियंताओं की मनमानी पर रोक लगाने एवं नियम-कानून के अनुसार निविदा का निष्पादन करने की मांग की है। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, पूर्णिया के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि विभागीय निर्देश के अनुसार ही निविदा का निष्पादन किया जा रहा है।

विदित हो कि यहां टेंडर मैनेज करने की परंपरा चल रही है जिससे विभागीय राजस्व को नुकसान हो रहा है। जबकि कई संवेदक प्राक्कलन से कम रेट पर काम करने के लिए निविदा डालते हैं लेकिन मैनेज होने के कारण चहेता संवेदक को अधिक दर पर निविदा एलाट कर दिया जाता है। इसके खिलाफ अब संवेदक एकजुट होने लगे हैं। मंत्री को दिए आवेदन में प्रमंडलीय संवेदक संघ के अध्यक्ष नवल किशोर ने कहा है कि पूर्णिया में वरीय विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से निविदा में मनमानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में टेंडर आइडी संख्या-116239 की गलत तरीके से वित्तीय बीड खोला गया है। बताया कि उक्त टेंडर में उनके द्वारा परिवाद दायर किया गया था बावजूद उसका न्यायपूर्ण तरीके से निपटारा किए बिना तकनीकी बीड खोल दिया गया जो असंवैधानिक है।
उन्होंने सवाल उठाया कि पूर्णिया डिविजन द्वारा आमंत्रित निविदा आडब्लूडी-पीएमजीएसवाई-एचक्यू-ईटी-21-22-23 में कुल 11 निविदा में बीड मूल्यांकन समिति द्वारा संवेदक को नौ में योग्य एवं दो में अयोग्य घोषित किया गया। लेकिन री-टेक्नीकल इवोल्यूशन द्वारा उक्त संवेदक को सभी 11 निविदा में अयोग्य घोषित कर दिया गया। संघ ने सवाल उठाया कि आखिर किस परिस्थिति में संवेदक को एक बार योग्य और कुछ दिन बाद ही अयोग्य घोषित किया गया है। संघ ने मंत्री को आवेदन देकर सही ढंग से छानबीन कर निविदा पर अंतिम निर्णय लिया जाय। अन्यथा संघ ने बाध्य होकर न्यायाल की शरण में जाने की चेतावनी दी है।

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