फसलों पर आफत बनकर टूटी आंधी-तुफान और ओलावृष्टि

संवाद सूत्र, पहाड़कट्टा (किशनगंज) : रविवार दोपहर को अचानक मौसम का मिजाज बदलने से आंधी तूफान के साथ झमाझम बारिश व ओलावृष्टि होने लगी। जिससे पोठिया प्रखंड क्षेत्र में किसानों का दर्जनों एकड़ खेत में लगा मक्का, अनानास, गेहूं, केला, तरबूज सहित सब्जी की फसलों व्यापक नुकसान हुआ है। जिसे लेकर क्षेत्र के किसान काफी चितित व हताश भी हैं।

वहीं आंधी तूफान के चपेट में आने से दर्जनों गरीबों के आशियाने का टीना व फूस का छप्पर भी उड़ गए हैं। क्षेत्र के किसानों ने अलग-अलग जानकारी के दौरान बताया कि आंधी तूफान व झमाझम बारिश के साथ ओलावृष्टि गिरने से मक्का, गेहूं तथा केला सहित अन्य फसलों की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। वहीं ओलावृष्टि के चपेट में आने से अनानास तथा तरबूज की फसल को भी व्यापक नुकसान हुआ है। तेज आंधी तूफान के साथ खेत में पानी लगने से खेत में लगा फसल जमीन में गिर गया है। किसानों ने बताया कि हम लोगों के आमदनी का स्त्रोत मात्र खेती है। खेती से ही हम लोग अपने परिवार का भरण-पोषण तथा अपने बच्चों को पढ़ाई-लिखाई कराते हैं। घर का जेवर गिरवी रखकर तथा बंधन बैंक से कर्ज लेकर मकई, केला तथा अनानास आदि का खेती किए हैं। लेकिन तेज आंधी व ओलावृष्टि से हुई फसलों की व्यापक नुकसान से हमारे सारे आशाओं पर पानी फेर दिया है। ऐसे में अब बैंक से लिए गए कर्ज चुकाना भी मुश्किल हो जाएगा। तेज हवा से जहां खेत मक्का व केला के पौधे का आधा हिस्सा बर्बाद हो गया। किसानों का कहना है कि सरकारी स्तर पर खेत में सिचाई की व्यवस्था नहीं होने से किसानों को निजी बोरिग व पंपसेट से डीजल खरीद कर खेत में पानी पटवन करना पड़ता है। लेकिन जब फसल खेत में परिपक्व होता है तो किसानों को प्राकृतिक आपदा का मार भी झेलना पड़ता है। इससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। किसानों ने प्रखंड व जिला प्रशासन से आंधी-तूफान से हुई फसलों के क्षति का आंकलन कर क्षतिपूर्ति मुआवजा देने की मांग की है। इस संबंध में प्रखंड के प्रभारी कृषि पदाधिकारी सुमंत कुमार ने बताया कि आंधी-तूफान से हुई सभी फसलों की क्षति का आंकलन किया जाएगा। पंचायत के संबंधित किसान सलाहकारों व कृषि समन्वयक को लिखित रूप से निर्देश दिए गए हैं। आकलन के हिसाब से ही किसानों को फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा मिलेगा।

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