प्रसाद खाने से 42 लोगों की तबीयत बिगड़ी, सदर अस्पताल में चल रहा है इलाज

जागरण संवाददाता, खगड़िया : जिले के मानसी थाना अंतर्गत सैदपुर पंचायत स्थित वार्ड संख्या 11 (शर्मा टोला) में रामनवमी के अवसर पर श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा बाद प्रसाद खाने से 42 लोग बीमार पड़ गए। हालत बिगड़ने पर सभी लोगों को सोमवार की देर रात आनन-फानन में खगड़िया सदर अस्पताल लाया गया। जहां इलाज चल रहा है। सिविल सर्जन डा. अमरनाथ झा ने कहा है कि सभी खतरे से बाहर हैं। इलाज चल रहा है। मामला फूड प्वाइजनिग का है। अचानक इतने मरीज पहुंचने से मची अफरा-तफरी सोमवार की देर रात अचानक बड़ी संख्या में मरीजों के सदर अस्पताल पहुंचने से अफरा-तफरी मच गई। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह प्रयासी ने बताया कि घटना की सूचना रात्रि 8:45 बजे के करीब मिली। जिसके बाद तुरंत सदर अस्पताल और मानसी पीएचसी से एंबुलेंस सैदपुर भेजी गई। बीमार लोगों की संख्या अधिक होने के कारण एक एंबुलेंस चौथम सीएचसी से भी भेजी गई। तीनों एंबुलेंस से बारी-बारी से मरीजों को अस्पताल लाया गया। हालांकि मानसी थाना के वाहन और निजी गाड़ियों से भी मरीज अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी देख तुरंत बुलाए गए नर्सिंग के स्टाफ इमरजेंसी देख तुरंत नर्सिंग के सभी स्टाफ को बुलाया गया। अस्पताल प्रबंधक शशिकांत भी पहुंच गए। रात्रि सेवा में कार्यरत डा. रवि शंकर लाल और सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह प्रयासी ने सभी मरीजों का तत्परता से इलाज शुरू किया। रात्रि 12:00 बजे तक सभी मरीजों का प्राथमिक उपचार कर भर्ती कर लिया गया। कुल 42 मरीजों को भर्ती किया गया है। रात में ही डीएम आलोक रंजन घोष भी अस्पताल पहुंचे और स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने मौजूद चिकित्सकों को आवश्यक निर्देश भी दिए। बीते रविवार को करीब सौ से अधिक लोगों ने खाया था प्रसाद सैदपुर पंचायत के वार्ड नंबर 11 के रहने वाले प्रकाश शर्मा ने बताया कि बीते रविवार को उनके घर पर श्रीसत्यनारायण भगवान की पूजा का आयोजन किया गया था। जिसमें वार्ड संख्या 11 के करीब 40 घरों के एक सौ से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। जिसके बाद अगली सुबह कई लोगों को हल्का हल्का पेट दर्द होना शुरू हो गया। जो सोमवार की शाम तक उल्टी-दस्त और बुखार में तब्दील हो गया। जब अधिक संख्या में लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी, तब जाकर ग्रामीणों द्वारा अस्पताल को सूचना दी गई। वहीं 28 वर्षीय पिकी देवी ने बताया कि जिसने भी घोरुआ (गीला) प्रसाद खाया, उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिसने सूखा प्रसाद खाया वह ठीक हैं। इसे साफ लगता है कि दूध में ही कोई मिलावट की गई थी, जिस कारण से प्रसाद विषाक्त हो गया। जिसे खाने के बाद लोगों की तबीयत बिगड़ गई।


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