पहली जून से बाबू-साहब भी लगाएंगे अंगूठा

- बायोमेट्रिक सिस्टम से बनेगी हाजिरी

- आवास में बैठकर कार्यालय चलाने की प्रवृत्ति पर लगेगा लगाम
- आम लोगों को मिलेगी राहत
संवाद सहयोगी, जमुई : चौकिए मत, अब पढ़े-लिखे साहब और बाबू भी हर दिन अंगूठा लगाएंगे। ऐसा सरकार की प्रशासनिक सुधार नीति के कारण संभव होगा। इस प्रयास से आवास में बैठकर कार्यालय चलाने की प्रवृत्ति पर लगाम लगने की उम्मीद जग गई है। फिलहाल इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।
दरअसल सभी सरकारी विभागों एवं कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लेने की सरकार ने योजना बनाई है। इसके लिए तैयार कार्ययोजना के तहत एक जून से बायोमेट्रिक हाजिरी प्रारंभ हो जाएगी। इसके लिए प्रथम प्रशिक्षण की तिथि 19 अप्रैल निर्धारित की गई है। पांच मई तक बायोमेट्रिक डिवाइस की खरीदारी कर ली जाएगी। 20 मई तक बायोमेट्रिक डिवाइस का इंस्टालेशन कर लिया जाएगा। इसके पहले 19 अप्रैल को कार्यालयों में मास्टर ट्रेनर एवं सभी विभागों के आइटी मैनेजर को बिहार बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (बीबीएएस) की ट्रेनिग वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से दी जाएगी। यह ट्रेनिग गृह विभाग के आईटी मैनेजर, पीएमयू बेल्ट्रान तथा ई कनेक्ट सो प्राइवेट लिमिटेड के परियोजना प्रबंधक द्वारा दी जाएगी। 25 अप्रैल तक सभी कार्यालयों के सीएफएमएस एडमिन को बीबीएएस का नोडल पदाधिकारी नामित करने की हिदायत दे दी गई है। इस बाबत मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर इस कार्य को अंजाम देने का निर्देश दिया है। वैसे सब कुछ इसके संचालन पर निर्भर करता है। इसके पहले उच्च विद्यालयों में भी बायोमैट्रिक सिस्टम की शुरुआत की गई थी लेकिन वह कितना कारगर साबित हुआ, यह देखने वाली बात है। यहां बता दें कि प्रखंड मुख्यालय की तो बात छोड़ दीजिए, समाहरणालय में भी अधिकारियों व कर्मियों की उपस्थिति समय से शायद ही कभी हो पाती है। प्रखंडों में पदस्थापित बीडीओ, सीओ से लेकर मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी, आपूर्ति पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मुख्यालय या फिर देवघर में रहकर ही कार्यों का निष्पादन करते हैं। बायोमेट्रिक सिस्टम लग जाने से उन तमाम लोगों की परेशानियां बढ़ जाएगी।
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