पुलिस पर हमला मामले में डेढ़ दर्जन लोगों को भेजा गया जेल

संस,बरबीघा:

चार दिन पूर्व वीरपुर गांव में चैती दुर्गा पूजा के दौरान दो पक्षों के बीच हुए गोलीबारी एवं पुलिस के साथ मारपीट की घटना में पुलिस ने गांव के डेढ़ दर्जन आरोपितों को पकड़ कर जेल भेज दिया। मामले को लेकर प्रभारी थानाध्यक्ष असलम खान ने बताया कि पूजा के दौरान उपद्रव करने वाले दोनो पक्ष के लोगों को हिरासत में लिया गया है।
घटना को लेकर दोनो पक्ष की ओर से भी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी जिसमे कुल तीन दर्जन लोगों को नामजद किया गया था। देर शाम गांव में छापेमारी के दौरान कुल 20 लोगों को पकड़ कर थाने लाया गया। जहां से दो लोगों को जांच-पड़ताल के बाद छोड़ दिया गया। ये दोनों दूसरे गांव से अपने रिश्तेदार के यहां न्योता में वीरपुर आये थे। वहीं 18 आरोपितों को जेल भेज दिया गया। जबकि इस घटना में दो मुख्य आरोपित रॉबिन्स कुमार एवं मनीष कुमार भागने में सफल रहे।

बता दें कि गोलीबारी एवं उपद्रव फैलाने को लेकर दोनो पक्षों के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व ही पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर 11 उपद्रवियों सहित 40 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इधर, त्वरित करवाई होने से पूजा एवं सार्वजनिक रूप से उपद्रव करने वाले उपद्रवी तत्वो में भय का माहौल है। बताया गया कि हर वर्ष वीरपुर गांव में दुर्गा पूजा के दौरान मारपीट की घटना आम बात हो गई थी। अक्टूबर माह में नगर परिषद क्षेत्र में भी नारायणपुर और सामाचक के बीच मूर्ति विसर्जन को दौरान पत्थरबाजी एवं गोलीबारी की घटना में तीन दर्जन लोग नामजद किए गए थे और जेल भेजे गए थे।
ताड़ी की जगह नीरा बेचने को लेकर प्रशिक्षण शिविर
जागरण संवाददाता, शेखपुरा: जीविका के द्वारा जिले में नीरा की बिक्री को रफ्तार देने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान शुरू कर दिया गया है। इसी कड़ी में बुधवार को जिला मुख्यालय के कार्यालय सभाकक्ष में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के सदर प्रखंड शेखपुरा और अरियरी प्रखंड के ताड़ छेदक व्यवसाय से जुड़े लोग जुटे। उनको ताड़ी की जगह नीरा उत्पादन, विपणन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया गया।
इसकी जानकारी देते हुए जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार सोनू ने बताया कि धूप निकलने से पहले यदि ताड़ी को निकाल कर संरक्षित कर लिया जाए तो वह नीरा कहलाता है। यह काफी सेहतमंद होता है। इसी की बिक्री को लेकर सभी को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ताड़ी के बिक्री पर बिहार भर में प्रतिबंध है। नीरा से पेड़ा, गुड़, चीनी इत्यादि निर्माण शीघ्र शुरू किया जाएगा।

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