शिशु स्वास्थ्य में आएगा गुणात्मक बदलाव, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कसबा चयनित



जागरण संवाददाता, पूर्णिया: स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ के सहयोग से जिले के कसबा प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवजात शिशुओं की रक्षा व देखभाल के लिए योजना लागू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत कसबा प्रखंड का चयन किया गया है। इसके लिए जिले के 25 मास्टर ट्रेनर को तैयार किया गया है। यूनिसेफ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद ने बताया कि जिले में 25 मास्टर ट्रेनर तैयार किया गया है। चयनित प्रशिक्षकों को नवजात शिशु के जीवन की सुरक्षा और देखभाल के लिए प्रखंड में अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। जिला स्तर से 2, कसबा प्रखंड से 12, केनगर से 5, पूर्णिया पूर्व से 4, अमौर और धमदाहा से एक प्रशिक्षक को प्रशिक्षित किया गया है। कसबा प्रखंड को पायलट प्रोजेक्ट के लिए तैयार किया गया है। सभी प्रशिक्षक स्थानीय प्रखंड की आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आशा फैसिलिटेटर, जीविका, आईसीडीएस की ओर से महिला पर्यवेक्षिका और आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट शत फीसद उपलब्धि हासिल होने पर सभी प्रखंडों में इसे लागू किया जाएगा।
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संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने से जच्चा -बच्चा दोनों होगा सुरक्षित -:
दरअसल संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षित मातृत्व व शिशु की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए सामाजिक स्तर पर भी बदलाव आवश्यक है। व्यवहार परिवर्तन चार आयाम हैं। कोई गर्भवती महिला प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र जाना चाहती है तो उसमें उसके पति, सास या अन्य पारिवारिक सदस्यों की सहमति होती है। गर्भवती महिला अपने परिवार के विरुद्ध नहीं जाना चाहती है। जब परिवार की सहमति मिल जाती तभी वह स्वास्थ्य केंद्र जाने को तैयार होती है। सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ घर परिवार के अन्य सदस्य अस्पताल नहीं भेजकर घर पर ही प्रसव कराते हैं। यह खतरनाक होता है।
इस स्तर पर सोच में बदलाव लाने के लिए आशा कार्यकर्ता और सेविका की भूमिका अहम होती है।
संस्थागत प्रसव से योजनाओं का मिलता है लाभ
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रसव के दौरान मां की सम्मानजनक देखभाल, विशेष नवजात स्वास्थ्य सेवा इकाई, घर पर नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य सेवा, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ मिलता है। नवजात शिशुओं को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। नौनिहालों की उचित देखभाल और समय पर टीकाकरण काफी आवश्यक है। उचित देखभाल करने के लिए समुचित दक्षता और पूर्ण रूप से प्रशिक्षित होना चाहिए।

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