कामगारों के शवों की राख आने की वाट जोह रहे स्वजन

राकेश कुमार वीरेन्द्र, हरनौत (नालन्दा) : आंध्रप्रदेश के एलुरु के अक्किरेड्डी गुडम गांव में स्थित पोरस केमिकल लैब में हुए विस्फोट में मारे गए कामगारों के स्वजन शवों के राख आने की वाट जोह रहे हैं। चंडी थाना क्षेत्र के हबीबुल्लाह चक तथा हरनौत थाना क्षेत्र के वसनियावां एवं रामसंघ गांव में हादसे की खबर से स्वजन बदहवास हैं। इन्हीं गांवों के कामगारों की मौत पोरस लैब में जिन्दा जलने से हुई है। सभी के शव वीभत्स हैं। मुश्किल से पहचान हो पा रही है। मारे गए चारों कामगार ममेरे-फुफेरे भाई हैं। सभी एक साथ पोरस लैब में काम करते थे। हादसे में झुलसे तथा जीवित निकलने में कामयाब रहे वसनियावां के रवि रविदास ने साथी कामगार गनौरी रविदास को बताया कि रिएक्टर में अधिक गैस छोड़े जाने से विस्फोट हुआ और लैब में आग लग गई। रियेक्टर के पास रहे लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिला। गनौरी रविदास ने अक्किरेड्डी गुडम से मोबाइल फोन पर बताया कि कामगारों के शव राख में तब्दील हो गया है। बहुत मुश्किल से पहचाने जा रहे हैं। शवों को उनके स्वजन को सुपुर्द करने के लिए उनके गांव लाने की व्यवस्था सरकार ने कराई है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि सरकार कामगारों के शव लाने की व्यवस्था की जा रही है। स्वयं मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में स्थानिक आयुक्त को निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन लगातार आंध्रप्रदेश सरकार के अधिकारियों के संपर्क में है। -------------------


भगवान का शुक्र की मेरा शिफ्ट खत्म हो गया था कामगार गनौरी रविदास ने बताया कि भगवान का लाख-लाख शुक्र कि हम रात के नौ बजे अपना शिफ्ट खत्म कर निकल गए थे। साढ़े दस बजे के करीब धमाके के साथ लैब में आग लग गई। हम लैब की तरफ भागे। लैब के बाहर जलते कपड़े में हरनौत के वसनियावां निवासी रवि रविदास मिला। वह बहुत मुश्किल से हादसे की जानकारी दे गिर पड़ा। स्थानीय लोगों की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया। फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस ने बचाव कार्य शुरू किया तब आग पर काबू पाया गया। गनौरी ने कहा, हम तो बच गए। लेकिन कई साथी के मारे जाने और कइयों के जख्मी होने से दुखी हूं। कौन सा मुंह लेकर घर आएं, समझ में नहीं आ रही है। कहा, लैब प्रबंधन की तरफ से कामगारों को मानक के अनुरूप जूते, वर्दी, मास्क, दस्ताने आदि उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन हादसा इतना बड़ा था कि बच पाना मुश्किल थी।
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लापरवाही बनी हादसे की वजह कामगार गनौरी रविदास ने बताया कि रियेक्टर में गैस छोड़ने में हुई चूक से विस्फोट हुआ। यदि सावधानी रखी गई होती तो यह दुर्घटना नहीं होती। बताया कि पोरस केमिकल लैब में एलोपैथी दवाइयों के निर्माण में काम आने वाला बेस मेटेरियल बनता है। माना जा रहा है कि कामगारों सुपरवाइजर का भी रियेक्टर में गैस की मात्रा पर नजर रखने का ध्यान नहीं रहा होगा। बता दें, इस हादसे में चंडी के हबीबुलाह चक निवासी 40 वर्षीय कारू रविदास, उनके चचेरे भाई 34 वर्षीय सुभाष रविदास झुलस कर मारे गए। जबकि हरनौत के वसनियावां निवासी 28 वर्षीय अवधेश रविदास एवं राम संघ निवासी 21 वर्षीय मनोज रविदास भी जिदा जले। जख्मियों में हबीबुलाह चक के मुनारक पासवान, मृतक सुभाष रविदास के भाई सुधीर रविदास, हरनौत वसनियावां के रवि रविदास तथा सरथा के रौशन रविदास, चौरगांवा के भिखारी रविदास, रहुई के पतासंग के वरुण रविदास शामिल हैं।

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