जलयात्रा निकालकर महिलाओं ने जल संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

संवाद सूत्र, सिकंदरा (जमुई)। पर्यावरण व जल संरक्षण जागरूकता अभियान को लेकर परिवार विकास के तत्वावधान में जल यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जल यात्रा कार्यक्रम की अगुवाई समाजसेवी नंदलाल सिंह व परिवार विकास के सचिव भावानंद तथा इफको के प्रबंधक विजय कुमार करण संयुक्त रूप से कर रहे थे। जल यात्रा कार्यक्रम में धनिमातरी, धावाटांड, कोड़ासी लछुआड़, सबलबीघा, नावाडीह आदि गांव के सैकड़ों महिला व लड़कियों ने भाग लिया। महिलाओं एवं लड़कियों ने कुंडघाट स्थित निर्माणाधीन डैम से कलश में जल लेकर जल है तो कल है के नारों को बुलंद करते हुए जल यात्रा निकाली। जलयात्रा करते हुए महिलाओं एवं लड़कियों ने भगवान महावीर की दीक्षा कल्याणक व च्यवन कल्याणक मंदिर से सटे पीपल के वृक्ष में कलश में भरे पानी से जल अर्पण कर जल संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान महिलाओं ने जल सूखने से संबंधित गीत गाकर लोगों से पेड़-पौधों को संरक्षित कर जल संरक्षण की अपील की। इस अवसर पर समाजसेवी नंदलाल ने कहा कि जल ही जीवन है। जल है तो कल है। जल संरक्षण के उपाय को अपनाना हम लोगों का परम कर्तव्य बनता है। कहा कि वर्षा के समय अनावश्यक जल बहाव को रोकें, आहर पोखर तालाब में पानी को संचित कर रखें तभी धरती के अंदर जल जमा होगा। जिससे हम मानव के साथ-साथ पशु-पक्षी जीव-जंतु और पेड़ पौधों को जल मिल सकेगा। भावानंद ने कहा कि हम मानव तो कहीं से भी पानी उपलब्ध कर लेते हैं लेकिन हम पशु पक्षी के लिए भी सोचें कि पानी के अभाव में पेड़-पौधे, पशु-पक्षी कैसे जीवित रहेंगे। पर्यावरण को बचाने के लिए अंधाधुंध जंगल की कटाई को रोकने और पेड़ पौधे को लगाने की जरूरत है। इस अवसर पर रामवृक्ष महतो, फरीद अंसारी, ध्रुव कुमार, बाबूलाल केवट रानी सिंह, विनय सिंह, भुनेश्वर कोड़ा के अलावा दर्जनों लोग उपस्थित थे।


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