इस पंचायत में छिपे हैं कई दर्द, 'दवा' की है दरकार

शशिकांत कुमार, धरहरा (मुंगेर): धरहरा प्रखंड स्थित इटवा पंचायत विकास मामले में पिछड़ा है। ग्रामीण कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस पंचायत की आबादी 15 हजार है। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में किसी न दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान गया और न ही जनप्रतिनिधियों का। पंचायत के लोग स्वास्थ्य, नली गली, स्कूल, सिचाई, बिजली और सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं। इतनी बड़ी आबादी को इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। 18 वर्ष पहले अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन का निर्माण शुरू हुआ। भवन का ढांचा कम समय में बनकर तैयार हुआ, पर भवन को पूरी तरह दुरुस्त नहीं किया गया। न तो प्लास्टर चढ़ा और न ही रंग-रोगन का काम हुआ। अब यह भवन जर्जर हो रहा है। भवन के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र का संचालन रेड क्रास सोसायटी के एक कमरे में हो रहा है। समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल से यहां के लोगों को धरहरा से लेकर मुंगेर तक का दौड़ लगानी पड़ रही है। शुक्रवार को जागरण टीम ने इटवा पंचायत पहुंची और मूलभूत सुविधाओं से रूबरू हुई।


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ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे लोग
स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने की स्थिति में ग्रामीण जाए तो जाए कहां। प्राथमिक चिकित्सा के लिए सिर्फ झोलाछाप (ग्रामीण चिकित्सक) का सहारा है। गांवों की ज्यादातर आबादी झोलाछापों पर निर्भर होकर रह गई है। रात के समय कोई बीमार पड़ जाए तो झोलाछापों के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
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नल-जल योजना का लाभ नहीं
यहां के हरिजन टोला राजवाड़ा में अबतक नल-जल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया है। वहीं वार्ड संख्या छह में एनओसी को लेकर अभी तक काम शुरू नहीं किया गया। वार्ड क्रियान्वयन प्रबंधन समिति ने वार्ड संख्या आठ में काम पूरा नहीं है। लोग पेयजल को तरस रहे हैं। पीएचइडी के तहत वार्ड संख्या एक, पांच, सात, नौ, 10, 12 और 14 में काम किया गया है, पर इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
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सड़क नहीं, गलियों की हालत दयनीय
लाखों रुपये खर्च के बावजूद पंचायत स्थित बारीचक व भलार-लाल खां रोड की स्थिति जर्जर है। मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए पंचायत में 25 पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया। इसके बावजूद भी कई गलियों की स्थिति नारकीय बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में पानी घरों में घुस जाता है। पानी निकासी के स्थायी प्रबंध नहीं है। गंदे पानी के जमावड़े से गांव में मक्खी-मच्छरों की भरमार है। इस गंदगी ने ग्रामीणों का जीना मुहाल किया हुआ है।
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सिचाई का बेहतर इंतजाम नहीं, नहीं पहुंची बिजली
सिचाई के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान वर्षा आधारित खेती करते हैं। हाहाकुंड व भूरकुंडा नदी का पानी खेतों तक पहुंचाया जाता तो यह किसानों के लिए वरदान साबित होता, पर इन योजनाओं की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि ने अबतक कोई प्रयास नहीं किया। खेतों तक आज तक बिजली लाइन नहीं पहुंचने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी खेती के लिए निजी नलकूप या मानसून पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में किसानों को हर सीजन में फसलें खराब होने का खतरा बना रहता है। क्षेत्र के किसान अपने खेतों तक बिजली के लिए टकटकी लगाए हुए हैं।
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शिक्षा पर नहीं दिया गया ध्यान
दिन-प्रतिदिन गिरती शिक्षा व्यवस्था ने पंचायत को हासिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। पंचायत में 11 विद्यालय हैं, एक हाइ स्कूल, दो उत्क्रमित, चार मध्य और चार प्राथमिक विद्यालय है। विद्यालय में शिक्षकों की कमी है, जो कार्यरत हैं वह भी समय पर नहीं पहुंचते हैं। शिक्षकों की मनमानी से स्कूल में पठन-पाठन बेहतर नहीं है। स्थिति यह है कि सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ छोड़कर लोग प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की ओर दौड़ लगा रहे हैं। दूसरी ओर पंचायत में एक को छोड़कर शेष सामुदायिक भवनों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। महादलित परिवार के लोगों को शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों ने महादलित बस्ती में सामुदायिक भवन निर्माण कराने की मांग की।
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रोजगार का नहीं किया गया प्रबंधक
खेती यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय है। कल-कारखाने नहीं होने से अधिकांश लोग पलायन कर गए, पर कोरोना काल में एक बार फिर फिर से लोग लौटकर खेती में लगे हैं। पिछली बार मनरेगा के तहत काम मिलने पर काफी हद तक कुछ लोगों को राहत मिली थी। लोग हुनरमंद होने के बावजूद आर्थिक तंगी के कारण आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
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क्या होना चाहिए
-विद्यालय आवागमन के लिए पीसीसी सड़क का निर्माण
-पंचायत सरकार भवन का निर्माण
-स्वास्थ्य केंद्र और पशु अस्पताल की बेहतर व्यवस्था
-वंचित लाभुकों को आवास योजना का मिले लाभ
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इस पर देना होगा ध्यान
-सिचाई के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराया जाए
-पंचायत में सड़कों का निर्माण और मरम्मत हो
-दशरथपुर रेल समपार फाटक के पास ओवरब्रिज निर्माण
-अस्पताल भवन को दुरुस्त कर व्यवस्थित करने की जरूरत
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कोट
-पंचायत मे कई सुविधाएं नहीं है। स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा को दुरुस्त किया जाएगा। खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है अपने कार्यकाल में पंचायत को हर मामले में विकसित करेंगे।
-गीता देवी, मुखिया, इटवा पंचायत।

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