मखौल बना विभागीय आदेश, विद्यालयों से टैग नहीं हुआ आंगनबाड़ी केंद्र

जागरण संवाददाता, सुपौल: आईसीडीएस द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में विभागीय आदेश मखौल बनकर रह गया है। विभाग के महीनों पूर्व आदेश के बाद भी जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को आज तक नजदीक के विद्यालयों से टैग नहीं किया जा सका है। परिणाम है कि आज की तारीख में भी इन केंद्रों के बच्चे भाड़े के मकान में या फिर किसी झोपड़ी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। उधर विभाग से जुड़े अधिकारी आदेश को ठेंगा दिखाने से भी बाज नहीं आ रहे। दरअसल पिछले दिनों विभाग ने ऐसा महसूस किया कि भवन के अभाव में नौनिहालों की पढ़ाई बाधित हो जा रही है। ऐसे बच्चे भी छत के नीचे पढें इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश जारी कर हर हाल में 10 मार्च तक वैसे सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के विद्यालयों से टैग करने को कहा ,जिन्हें अब तक भवन नसीब नहीं हो पाया है। जारी निर्देश के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को एक सप्ताह के अंदर केंद्र को टैग कर इसका प्रतिवेदन कार्यालय को समर्पित करने को कहा। परंतु टैग के डेड लाइन बीतने के करीब एक माह बाद भी इस आदेश का पालन जिले में संभव नहीं हो पाया है। परिणाम है कि आज भी नौनिहाल झोपड़ियों में ही अपना भविष्य तलाश रहे हैं।


--------------------------------------------
क्या था आदेश
छोटे बच्चों में भी स्कूल के प्रति रुचि बढे इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के प्राथमिक विद्यालयों से टैग करना था ताकि केंद्र में पढ़ाई पूरी करने के बाद बच्चों का दाखिला उसी विद्यालय में कर लिया जा सके। जिससे कि ड्रॉपआउट भी कम हो सकेगा। जारी आदेश के मुताबिक जिस केंद्र को अपना भवन नहीं है तथा ऐसे केंद्र पंचायत भवन, सामुदायिक भवन ,भाड़े के मकान में संचालित हो रहे हैं उन्हें नजदीक के विद्यालय में शिफ्ट ही कर दिया जाना है। साथ ही शिफ्ट करते वक्त इस बात का ख्याल रखा जाना है कि आंगनबाड़ी केंद्र को उसी विद्यालय से टैग किया जाए जिस वार्ड में केंद्र स्थापित है। यदि संचालित केंद्र वाले वार्ड में प्राथमिक विद्यालय नहीं है तो उस परिस्थिति में आंगनबाड़ी केंद्र को वार्ड के निकटतम प्राथमिक विद्यालय से जोड़ा जाना है। जिले में फिलहाल 2425 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। जिनमें करीब 500 केंद्र को ही अपना भवन है। इस तरह 1925 ऐसे केंद्र हैं जिन्हें अपना भवन नहीं है ।आदेश के मुताबिक जिले में 1925 आंगनबाड़ी केंद्रों को किसी न किसी प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया जाना है।
------------------------------------------
कोट
विभागीय निर्देश के आलोक में सभी बाल विकास परियोजना को आदेश निर्गत कर दिया गया है। पड़ताल की जा रही है। निर्देश का अनुपालन नहीं करने वाले को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। -कविता कुमारी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस

अन्य समाचार