बढ़ती गर्मी में बढ़ गया शीतल पेय व आइसक्रीम का कारोबार

संसू, नवहट्टा (सहरसा) : भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण शीतल पेय और आइसक्रीम का कारोबार काफी बढ़ गया है। बाजार में शीतल पेय की दुकानों पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। फ्रीज में आइस्क्रीम और बर्फ जमना शुरू हो गया है। चाय, काफी की जगह कोल्डड्रिंक का दौर शुरू हो गया है। गांव के चौक-चौराहों पर आइसक्रीम और शीतल पेय की दुकानें सज गई हैं। इन दुकानों पर बच्चों और युवाओं की भीड़ बढ़ने लगी है। वहीं लस्सी की दुकान खुल गई है।

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घटिया किस्म के बिक रहे उत्पाद
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ग्रामीण बाजार में धड़ल्ले घटिया किस्म के उत्पाद बिक रहे हैं। आइसक्रीम, कुल्फी, बर्फ सहित अन्य शीतल पेय की स्थानीय स्तर पर निर्माण की शुद्धता की जांच नहीं की जाती है। मिलावटी व घटिया शीतल पेय निर्माण की जांच के बगैर धड़ल्ले से इसका सेवन किया जा रहा है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। स्थानीय स्तर पर बनाए गए आइसक्रीम की कीमत कम होने से इसकी बिक्री अधिक देखी जाती है। स्थानीय स्तर पर निर्मित शिकंजी, लेमनजूस, पांच रुपये प्रति ग्लास, आइसक्रीम, मिल्क शेक से 20 से 25 रुपये प्रति ग्लास, आइसक्रीम पांच से 10 रुपये प्रति पीस की दर पर बिक्री की जा रही है। वहीं लस्सी 25 से 30 रुपये प्रति ग्लास बिक्री की जा रही है।

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कोट
स्थानीय स्तर पर निर्मित शीतल पेय, आइसक्रीम के सेवन से बचना चाहिए। गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए शुद्ध पेयजल, फलों का जूस और शर्बत का सेवन करना चाहिए।
डा. राकेश कुमार

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