मीनू को ताक पर रखकर बनाया जाता है आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन

संवाद सूत्र, महेशखूंट (खगड़िया): बाल विकास परियोजना की ओर से संचालित अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय उदासीनता के कारण अपने मूल उद्देश्य से भटक कर रह गई है। अधिकतर केंद्र सहायिका के हवाले है। सेविका बहाना बनाकर गायब रहती हैं। मीनू को ताक पर रखकर भोजन बनाया जाता है। रेखांकित करने की बात है कि केंद्रों पर समय से बच्चे की उपस्थिति नहीं बनाकर समय बीतने के बाद मनमाने ढंग से उपस्थिति बना दी जाती है।

सोमवार को समसपुर पंचायत के सामुदायिक भवन सलीमनगर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 113 का जायजा जागरण टीम ने 10 बजकर 15 मिनट पर लिया। केंद्र पर कमरे के ईंट सोलिग पर बिना ड्रेस के 17 बच्चे उपस्थित थे। छत पर धूप में एक कोने पर खिचड़ी बन रहा था, तो दूसरे कोने पर पेड़ की छांव में रसोइया सह सहायिका अंजुम आभा सो रही थी। सेविका सरिता देवी ने बन रही खिचड़ी के ढक्कन को हटा कर दिखाते हुए इसे पुलाव बताया और कहा कि एक किलो दो सौ ग्राम चावल का है। यहां एक बेकार शौचालय है। वहीं परिसर में गंदगी के बीच चापाकल है। रजिस्टर व खाद्य सामग्री सेविका अपने घर पर रखती है। बच्चे की उपस्थिति नहीं बनाई गई थी।

वहीं जागरण टीम 10 बजकर 30 मिनट पर झिकटिया पंचायत के वार्ड संख्या 5 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 245 पर पहुंची। जो कि किसी निजी व्यक्ति के घर पर संचालित है। यहां पर एक भी बच्चे उपस्थित नहीं थे। लोगों से पूछने पर सहायिका मीरा देवी प्रकट हुई और आवेदन दिखाते हुए कहा कि सेविका दो दिनों की छुट्टी पर है। बच्चे रोने लगे। इसलिए अभी अभी छुट्टी दी है।
यह टीम इसी पंचायत के काजीचक में शंभु ठाकुर के दरबाजे पर संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 244 का जायजा लिया। 10 बजकर 45 मिनट पर एक भी बच्चे मौजूद नहीं थे। पूछने के बाद सहायिका आशा कुमारी ने कहा कि सेविका अवकाश पर है। इन्होंने भी कहा कि बच्चे रोने लगे और अभी अभी छुट्टी दी है। बताया कि सभी रजिस्टर सेविका रिकी कुमारी अपने पास ही रखती है।
इस संदर्भ में सीडीपीओ नीना सिंह ने कहा कि वे मामले की जांच करेंगे और समुचित कार्रवाई होगी।

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