30 विद्यालयों में चलेगा पुलिस कैडेट कार्यक्रम

जागरण संवाददाता, सुपौल : कोरोना संक्रमण के कारण पिछले करीब दो वर्षों से बंद पड़े विद्यालय अब जब खुल गए हैं तो धीरे-धीरे संचालित सभी गतिविधियां शुरू होने लगी है। इसी क्रम में जिले के विद्यालयों में पुलिस की संपूर्ण कार्य एवं भूमिका से बच्चों को अवगत कराने के लिए छात्र पुलिस कैडेट कार्यक्रम की शुरुआत को ले विभाग तैयारी में जुटा है। इस कार्यक्रम से छात्र और छात्राएं एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। इसके लिए जिले के 30 विद्यालयों का चयन कर लिया गया है। चयनित सभी स्कूलों से कक्षा आठ के 22 छात्र और 22 छात्राओं का चयन किया जाएगा। चयनित बच्चों को एनसीसी के तर्ज पर पुलिस कैडेट बनाया जाएगा। इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान ने चयनित सभी विद्यालयों को पत्र निर्गत किया है। जारी पत्र में डीपीओ ने कहा है कि यह योजना नवंबर 2019 में प्रारंभ किया गया था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस योजना को स्थगित करना पड़ा। अब जब संक्रमण में कमी दर्ज की गई है और सभी विद्यालय पूर्व की तरह संचालित हो रहे हैं तो फिर से छात्र पुलिस कैडेट को क्रियान्वयन किया जाना है। योजना के तहत चयनित उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के कक्षा 08 के नए सत्र 2022-23 में अध्ययनरत 22 बालक और 22 बालिका सहित दो शिक्षक जिसमें एक पुरुष और एक महिला का चयन कर सूची कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।


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क्या है योजना
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा के मुताबिक इस योजना के तहत बच्चों को स्कूल में ही बताया जाएगा कि पुलिस कैसे काम करती है, वहां कौन-कौन से पद हैं, उनकी क्या जिम्मेदारी है। फिल्ड में काम करने के क्या तरीके हैं। इससे संबंधित समस्या और सुझाव के बारे में भी बच्चों को बताया जाएगा। इन छात्रों को प्रैक्टिकल ट्रेनिग भी दी जाएगी। इन्हें महिला पुलिस स्टेशन, बाल सुरक्षा गृह, यातायात पुलिस, दमकल स्टेशन, पुलिस लाइन ले जाकर कार्यशैली बताई जाएगी। विद्यालय से चयनित दो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। एक पुलिस पदाधिकारी के साथ-साथ दोनों शिक्षक मास्टर ट्रेनर के रूप में जाने जाएंगे। इन्हें बेसिक कानून और पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही इन्हें आदर्श मूल्यों और नैतिकता की भी शिक्षा मिलेगी। बताया कि अपराध की रोकथाम के तहत सामुदायिक पुलिस सुरक्षा, सामाजिक बुराइयों से लड़ना, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर आधारित शिक्षा से इन बच्चों को दक्ष किया जाएगा। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।

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