टांय, टांय फिस्स हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान

जागरण संवाददाता, खगड़िया : शहर के राजेंद्र चौक से बखरी बस स्टैंड तक सड़क के दोनों किनारे पूर्व की तरह फिर से दुकानें सज चुकी है। जिला प्रशासन की ओर से बीते दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था। जिसका अब असर समाप्त हो चुका है। निरंतर चौकसी नहीं बरतने के कारण फुटकर विक्रेता भी धीरे- धीरे अपना दायरा बढ़ाते जा रहे हैं। फुटकर विक्रेताओं की सड़क किनारे लगाई जाने वाली दुकानों को बीते दिनों सदर एसडीओ अमित अनुराग, एसडीपीओ सुमित कुमार एवं नगर परिषद के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर खाली करा दिया गया था। लेकिन अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद भी सब्जी व ठेले वाले दोबारा दुकान सजाने लगे। कुछ दिनों तक चोरी-छिपे यह खेल चला और अब निर्भय होकर दुकानें लगाई जा रही है। पहले कम संख्या में फुटकर विक्रेता सड़क के किनारे दुकान सजाए हुए थे। लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई धीमी पड़ने के बाद उनका दायरा बढ़ता ही जा रहा है।


स्टेशन चौक से राजेंद्र चौक तक दुकानें सजी हुई है। वहीं स्टेशन के सामने दोनों मुख्य द्वार पर ई-रिक्शा चालकों ने कब्जा जमा रखा है। यहां हर हमेशा जाम की स्थिति रहती है। कुछ दिनों तक सुबह-शाम लगी दुकानें, अब दिन भर सड़कों पर सजती हैं बाजार नव पदस्थापित सदर एसडीओ अमित अनुराग की पहल पर शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया। जिसका असर बहुत हद तक देखने को मिला। अतिक्रमण मुक्त सड़क के कारण जाम का निदान भी निकला। जिसके बाद कुछ दिनों तक दुकान सुबह-शाम लगने लगी। उसमें भी फुटकर विक्रेता चोरी-चुपके दुकान सजाने लगे थे। जहां पुलिस की गाड़ी गुजरते ही सायरन की आवाज से फुटकर विक्रेता भाग खड़े होते थे। लेकिन यह दो-चार दिनों तक चला। उसके बाद फुटकर विक्रेताओं को ना तो पुलिस का भय रह गया और ना ही दुकानें उजड़ने की। खुलेआम सड़कों पर दुकानें सजने लगी हैं। जो दुकानें पुलिस की डर से चोरी-चुपके सुबह शाम लगती थी। वह अब दिनभर सड़कों पर लगी रहती है। ना तो प्रशासन रोकती है और ना ही टोकती है।
इधर सब्जी मंडी के दुकानदार सह फुटकर दुकानदारों के नेता हसमत अली उर्फ गुड्डू बताते हैं कि अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के बाद सैकड़ों लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गई। दुकानदारों की विवशता है कि वह जीविकोपार्जन के लिए दुकान लगाएंगे। फुटकर विक्रेता छोटे दुकानदार होते हैं। जिन्हें स्टाल भाड़े पर लेकर हजारों रुपये खर्च कर दुकान खोलना संभव नहीं होता है। इसलिए ये लोग अपनी पेट भरने के लिए सड़कों पर दुकान सजाते हैं। जिला प्रशासन और नगर परिषद द्वारा चिह्नित वेंडिग जोन पर जिले के अमीर लोगों का कब्जा है। जिसके कारण फुटकर विक्रेताओं को स्थान नहीं मिल पा रहा है। उचित स्थान नहीं मिलने के कारण फुटकर विक्रेता दोबारा से बाजार में अपनी दुकानें लगाने को विवश हैं।
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि अतिक्रमण उचित नहीं है। अतिक्रमण को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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