बच्चों के भोजन में बर्दाश्त नहीं की जाएगी किसी तरह की अनियमितता : डीएम

-निरीक्षण के दौरान अधिकारी आधे घंटे तक रसोई में बिताएंगे समय

-गौर से देखेंगे भोजन बनाने की प्रक्रिया, गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए देंगे हिदायत जागरण संवाददाता, सुपौल : प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित एमडीएम योजना के निरीक्षण को ले जब एमडीएम डीपीओ विद्यालय पहुंचेंगे तो उन्हें 30 मिनट रसोई घर में बिताना होगा। इस दौरान वे भोजन बनाने की प्रक्रिया को न सिर्फ गौर से देखेंगे बल्कि गुणवत्तापूर्ण भोजन तैयार करने को ले हिदायत भी देंगे ताकि बच्चों के बीच परोसे जाने वाले भोजन में अनियमितता की कोई गुंजाइश न बचे। दरअसल यह आदेश जिलाधिकारी कौशल कुमार ने मंगलवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दी। बैठक में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिले में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जा रहा है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने पीएम पोषण योजना के डीपीओ को निर्देशित करते हुए कहा कि विद्यालय में जहां भोजन बनाया जाता है वहां 30 मिनट तक भोजन बनाने की प्रक्रिया को देखना होगा ताकि भोजन में किसी प्रकार की शिकायत या अनियमितता नहीं बरती जाए । इसके अलावा रोस्टर बनाकर भी पदाधिकारी के स्तर से गुणवत्तापूर्ण भोजन की जांच कराने का निर्देश दिया। समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को मरौना, निर्मली, बसंतपुर, तथा छातापुर प्रखंड अंतर्गत तटबंध के अंदर के विद्यालयों का निरीक्षण करने को कहा। कहा कि इसके अलावा जिला स्तरीय सभी डीपीओ अपने कार्य के अलावा विद्यालयों का लगातार निरीक्षण करेंगे। इसी तरह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा बीआरपी भी अपने प्रखंड अंतर्गत शत-प्रतिशत विद्यालयों का निरीक्षण करना सुनिश्चित कर निरीक्षण प्रतिवेदन जिला कार्यालय को समर्पित करेंगे। जिलाधिकारी ने गुणवत्तापूर्ण भोजन से किसी भी तरह का समझौता नहीं करने की बात कही। जिले में पीएम पोषण योजना लागू होने के बाद आज भी कई स्कूलों के बच्चे सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना से वंचित रह जा रहे हैं। जहां भोजन पक भी रहा है तो वहां गुणवत्ता का घोर अभाव देखा जा रहा है । ऐसे में जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश का अमल कितना हो पाता है यह देखने वाली बात होगी।

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