25 को जिले में मलेरिया दिवस पर आयोजित होंगे कई कार्यक्रम

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिलेभर में आगामी 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस दिया मनाया जाएगा। इसे लेकर अभी तैयारी चल रही है। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर पर मलेरिया से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। गर्मी की शुरुआत के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगता और आमजन मच्छरजनित रोगों के शिकार होने लगते हैं। मलेरिया, चिकनगुनिया के साथ डेंगू के मामले सामने आने लगते हैं। डेंगू मच्छरों से होने वाला एक खतरनाक बीमारी है। यह जानकारी जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. मंजर आलम ने दी। उन्होंने बताया कि मलेरिया प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया एक प्रकार का बुखार है जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता है। कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है। लेकिन बुखार आते-जाते रहता है। फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है। खून की कमी हो जाती है। बुखार दिमाग पर चढ़ जाता है। फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है।


मलेरिया से बचने की सलाह देते हुए बताया कि पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें। जल जमाव वाले स्थान पर केरोसिन तेल या डीजल डालें। घर के आसापस बहने वाली नाले की साफ-सफाई करते रहें। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की तरफ से डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। छिड़काव कर्मियों के आने पर उनका सहयोग करें और छिड़काव की तिथि की जानकारी ग्रामीणों को दें। मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डाक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी नि:शुल्क जांच और इलाज की व्यवस्था है।

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