दो दशक में शहर को जाम से नहीं मिली मुक्ति

संवाद सूत्र, सहरसा: शहर के बीच में बिछी रेल पटरी के कारण लोग दो दशक से जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। हर दिन चार-पांच घंटे लोग जाम में फंसते हैं। शहर के मुख्य बाजार बंगाली बाजार और गंगजला रेलवे ढाला का बैरियर लगभग बंद ही रहता है। हमेशा ट्रेन व मालगाड़ी की शंटिग होती रहती है। यही नहीं पोलिटेक्निक ढ़ाला व पूरब बाजार रेलवे ढ़ाला भी लोगों के लिए आफत बन गई है। ढ़ाला जाम रहने के कारण शहर के मुख्य बाजार शंकर चौक, सब्जी बाजार, डीबी रोड तक वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है। बंगाली बाजार में ओवर ब्रिज निर्माण का मामला भी अबतक टेंडर में ही फंसा हुआ है।

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में बच्चों को सहयोग करे शिक्षण संस्थान यह भी पढ़ें
------------------------
व्यवसाय हो रहा प्रभावित
----
रेलवे ढाला के कारण शहर में होनेवाले व्यवसाय भी प्रतिदिन प्रभावित हो रहा है। कई व्यवसायियों ने बताया कि राज्य सरकार की लेटलतीफी के कारण ओवरब्रिज का कार्य शुरू नहीं हो रहा है। हमेशा रेल बैरियर गिरे रहने के कारण पश्चिमी हिस्सों में ही खरीदारी कर लेते हैं। इससे व्यापार का नुकसान हो रहा है।
------------------
रेल ओवरब्रिज का टेंडर हो रहा फाइनल
---
शहर के बंगाली बाजार रेलवे ढाला पर प्रस्तावित रेल ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से टेंडर निकाला गया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा बनने वाले रेल ओवर ब्रिज के लिए निकाले गए टेंडर को दो निर्माण कार्य एजेंसी ने टेंडर में भाग लिया है। तकनीकी बीड नहीं खुलने से अबतक फाइनल नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारी का कहना है कि अभी तकनीकी बीड के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
----------------------
कोट
सुरक्षा कारणों से शहर से होकर गुजरी रेललाइन पर बैरियर गिरा रहता है जिसके कारण शहर में जाम की समस्या उत्पन्न होती है। जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है।
प्रदीप कुमार झा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी

अन्य समाचार