कचहरी की जमीन पर बना दिया टावर, चलेगा बुलडोजर

फोटो- 21 जमुई- 7, 8

संवाद सूत्र, झाझा (जमुई): अंचलाधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी की जुगलबंदी ने कचहरी को हाशिए पर खड़ा कर दिया है। जहां सरकार की हुकूमत चलती थी, वहां एक व्यक्ति विशेष की हुकुमत चल रही है। कचहरी की भूमि पर सजी दुकानों से जहां पैसे की वसूली की जाती है वहीं अब मकान भी बनाया जा रहा है। मामला झाझा अंचल के बोड़वा कचहरी का है। एक व्यक्ति ने इसे अपने कब्जे में कर रखा है। इस मामले में तात्कालीन अंचलाधिकारी अमित कुमार रंजन ने एडीएम एवं डीसीएलआर को व्यक्ति के नाम हुए जमाबंदी रद करने के लिए पत्र भेजा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपित व्यक्ति पर तात्कालीन अनुमंडालाधिकारी ने मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसका असर आरोपित पर नहीं दिख रहा है। हाल में सरकार के बुलडोजर चलाने के निर्णय से इलाके के लोगों में कचहरी के अतिक्रमण एवं एक व्यक्ति विशेष से मुक्ति मिलने की आस जरूर जग गई है।

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कचहरी करा ली अपने नाम
फर्जी जमाबंदी के सहारे एक व्यक्ति ने प्रखंड के ग्राम कचहरी बोड़वा को अपने नाम करा लिया। जिसकी भनक न तो तात्कालीन अंचलाधिकारी को लगी और न ही राजस्व कर्मचारी को। तीन साल पूर्व अंचलाधिकारी निशांत पटेल ने बोड़वा ग्राम कचहरी को बोड़वा के एक व्यक्ति के नाम कर दिया। उसके बाद अंचलाधिकारी अमित कुमार रंजन ने आरोपित के जमाबंदी एवं दाखिल-खारिज रद कराने के लिए एडीएम एवं डीसीएलआर को रिपोर्ट भेजी थी। पंचायत के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीणों ने आवेदन जिलाधिकारी एवं अंचलाधिकारी को देकर कार्रवाई की मांग की। तब मामले का पर्दाफाश हुआ। ग्राम कचहरी जर्जर रहने के कारण वर्षों से बंद पड़ा था। इसी बीच बोड़वा के किसुन साव ने एक फर्जी जमाबंदी तैयार कर ग्राम कचहरी के खाता 49, खेसरा 53 के 17 डिसमील जमीन को अपने नाम करा लिया। इसके कुछ दिन बाद उसे अपनी पत्नी द्रोपती देवी के नाम पर दान कर दिया और अंचल कार्यालय से दाखिल-खारिज कराने में सफल हो गया। किसुन साव ने ग्राम कचहरी पर अपना दावा ठोकते हुए कचहरी के जमीन को भाड़े पर लगा दिया। इन दिनों उसी जमीन पर एक कंपनी ने टावर लगा दिया है।
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कोट
कचहरी की जमीन की नापी कराई गई है। जमाबंदी रद करने की प्रक्रिया चल रही है। नापी रिपोर्ट के आते ही बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जाएगी।
श्रीनिवास, अंचलाधिकारी, झाझा

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