लिपिक पर विभाग ही नहीं पूर्व डीटीओ की भी रही है मेहरबानी



लिपिक के इस पदस्थापना पर भी उठे सवाल
परिवहन विभाग के उप सचिव के हस्ताक्षर से तबादले की जो सूची 40 लिपिकों की जारी हुई उसमें संजू कुमार नामक लिपिक ही एक मात्र ऐसे लिपिक थे जो जिस जिले में पूर्व में पदस्थापित था उसे उसी जिले के सबसे संवेदनशील एवं राजस्व वसूली के लिए सबसे महत्वपूर्ण ठिकाना दालकोला चेक पोस्ट पर पदस्थापित कर दिया गया। बता दें कि परिवहन विभाग द्वारा ही शराब पीने के मामले में गिरफ्तारी के बाद उसे निलंबित करते हुए विभाग ने उसका मुख्यालय पूर्णिया परिवहन कार्यालय बनाया था। शायद यह ऐसा पहला मामला है जहां किसी कर्मी को सजा के दौरान मुख्यालय बनाकर भेजा गया हो, उसे वहां के सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर पदस्थापित कर दिया जाए।

लिपिक पर आखिर क्यों मेहरबान है परिवहन विभाग बताया जाता है कि परिवहन विभाग के उक्त लिपिक को राज्य परिवहन विभाग के वरीय पदाधिकारी का वरदहस्त प्राप्त है।राज्य परिवहन विभाग के उक्त अधिकारी के जिम्मे अभी राज्य के परिवहन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है। यही वजह है कि सहरसा में शराब पीने के मामले में पकड़े जाने एवं भागलपुर में भी कार्य में बरती गई लापरवाही के बाद दो- दो बार निलंबित किए जाने के बाद भी इस लिपिक पर परिवहन विभाग मेहरबान है। बताया जाता है कि दालकोला चेक पोस्ट कमाई का एक मुख्य अड्डा बन गया है। यहां जितनी सरकारी राजस्व की वसूली विभाग द्वारा की जाती है, उससे अधिक राजस्व की अवैध उगाही कर आपस में बंदरबाट कर ली जाती है। कोट के लिए पूर्व में संजू कुमार नामक लिपिक को दालकोला चेक पोस्ट पर कार्य के लिए भेजा गया था। यह किसी विशेष परिस्थिति में किया गया था। -विकास कुमार, पूर्व डीटीओ पूर्णिया

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