एमडीएम से समझौता नहीं, निरीक्षण में विद्यालय मिला बंद तो बीईओ भी माने जाएंगे दोषी

जागरण संवाददाता, सुपौल: जिले में शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार को लेकर कई तरह की कवायद शुरू हो चुकी है। इसको लेकर स्वयं जिला पदाधिकारी गंभीर दिख रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षा विभाग की हुई समीक्षात्मक बैठक में जिलाधिकारी ने कई निर्देश देते हुए शिक्षा व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ बच्चों के बीच परोसे जाने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में किसी भी तरह का समझौता नहीं करने का निर्देश दिया है। जारी निर्देश में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पीएम पोषण योजना तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से कहा कि जिन- जिन विद्यालयों में पीएम पोषण योजना बंद है, चाहे मामला प्रधानाध्यापक के प्रभार का हो या विद्यालय शिक्षा समिति के विवाद का या फिर मामला न्यायालय में लंबित हो इसका ठोस एवं वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए शीघ्र पीएम पोषण योजना चालू कराने को कहा गया है। जारी निर्देश में जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयंसेवी संस्थान के द्वारा जिले के जिन 152 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति की जाती है वह हर हाल में मेनू के अनुसार गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। पिछले दिनों सदर प्रखंड के मध्य विद्यालय भेलाही के मध्याह्न भोजन में कीड़ा पाए जाने को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने इनके बिल में 10 फीसद राशि की कटौती करने का निर्देश डीपीओ पीएम पोषण योजना को देते हुए कहा कि यदि ऐसी गलती दोबारा उनके द्वारा की जाती है तो स्वयंसेवी संस्थान को ब्लैक लिस्ट करते हुए निदेशालय को प्रतिवेदन देना सुनिश्चित करें। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि यदि निरीक्षण के दौरान विद्यालय बंद पाया जाता है तो संबंधित प्रधान के साथ-साथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी इनके लिए दोषी माने जाएंगे और इन दोनों के विरोध में विभागीय कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी ने सभी विद्यालयों का निरीक्षण नियमित रूप से करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिला स्तरीय पदाधिकारी मुख्यालय से दूर अवस्थित प्रखंड जैसे कि मरौना, निर्मली, बसंतपुर ,छातापुर एवं त्रिवेणीगंज का करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा अनुश्रवण किए गए विद्यालयों का फोटो स्वयं एवं शिक्षकों के साथ बिहार शिक्षा परियोजना सुपौल के व्हाट्सएप ग्रुप पर निरीक्षण की तिथि को देने को कहा। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन विद्यालयों को अब तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है इसके लिए वे अंचलाधिकारी को पत्र निर्गत करेंगे । अब तक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण को असंतोषप्रद करार करते हुए जिलाधिकारी ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को 30-30 तथा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा प्रखंड साधन सेवी मध्याह्न भोजन को अपने प्रखंड अधीन शत-प्रतिशत विद्यालयों का निरीक्षण करने का निर्देश देते हुए निरीक्षण के क्रम में विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति, गुणवत्तापूर्ण मेनू के अनुसार मध्याह्न भोजन, शौचालय की साफ-सफाई तथा विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर ध्यान देने को कहा गया है। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी तथा विद्यालयों के प्रधान को हिदायत देते हुए कहा कि विद्यालय समय से खुले और बंद हो इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना है। निरीक्षण के दौरान अगर समय का पालन नहीं किया जाता है तो फिर उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। फिलहाल जिला पदाधिकारी के इस सख्त रवैया से जिले में बेपटरी हो चुकी शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आस लोगों में जग चुकी है।

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