अतिक्रमण की जद में जीएन तटबंध, प्रशासन उदासीन

संवाद सूत्र, गोगरी (खगड़िया)। बाढ़-बरसात का मौसम आने वाला है। लेकिन गोगरी-नारायणपुर तटबंध पर जगह-जगह अतिक्रमण है। ये अतिक्रमण बाढ़-बरसात के मौसम में विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। लेकिन बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-एक, खगड़िया और गोगरी अंचल प्रशासन इस ओर से आंखें मुंदे हुई है। मालूम हो कि गोगरी-नारायणपुर तटबंध पर बीते वर्ष भी गंगा के पानी का जगह-जगह भारी दवाब था। मालूम हो कि तटबंध के किनारे-किनारे सैकड़ों की संख्या में झोपड़ियां है। माल-मवेशी बांधे जाते हैं। तटबंध के किनारे अतिक्रमित स्थलों को प्रशासन द्वारा अभी तक खाली नहीं कराया जाना प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। जबकि पूर्व अंचलाधिकारी कुमार रविद्रनाथ द्वारा अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस जारी की गई थी। लेकिन अतिक्रमण हटा नहीं। पूर्व अंचलाधिकारी कुमार रविद्रनाथ ने दंडाधिकारी व पुलिस बल की मांग भी उस समय के एसडीओ से अतिक्रमण हटाने को लेकर की थी। पांच जुलाई 2021 की तिथि निर्धारित थी। लेकिन तब तक 30 जून को ही सीओ का स्थानांतरण हो गया। हालांकि दूसरे अंचलाधिकारी रंजन कुमार के प्रभार नहीं लेने के कारण तत्कालीन सीओ कुमार रविद्रनाथ ने तीन जुलाई 2021 को एसडीओ को पत्र लिखा और कहा कि वे अभी बीमार हैं। जिसके कारण किन्हीं दूसरे दंडाधिकारी की उपस्थिति में पांच जुलाई 2021 को जीएन तटबंध पर से अतिक्रमण हटाया जाए। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वर्तमान सीओ रंजन कुमार भी इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। लोगों की माने तो सीओ के स्थानांतरण के समय ही अतिक्रमण की याद आती है। दूसरी ओर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि तटबंध की नापी कराकर दे दी गई है। अतिक्रमण स्थल भी चिन्हित कर लिया गया है। मालूम हो कि कई दबंगों ने भी अतिक्रमण कर रखा है। और अंचल प्रशासन विवश है। कच्चे- पक्के मकान तक बना लिए हैं। जिसे तोड़ना प्रशासन के लिए अब चुनौती है। इधर एसडीओ अमन कुमार सुमन ने कहा कि जल्द ही जीएन तटबंध को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। अतिक्रमणकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।


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