कोसी तटबंध के बीच सर्वे का प्रविधान किसान विरोधी

जागरण संवाददाता, सुपौल। कोसी तटबंध के बीच सर्वे का प्राविधान किसान रैयत विरोधी है इसे बदला नहीं गया तो किसान असहयोग आंदोलन की तैयारी करेंगे। उक्त निर्णय की जानकारी कोसी नव निर्माण मंच द्वारा सुपौल के पब्लिक लाईब्रेरी में तटबंध के बीच के किसानों की आयोजित जन सुनवाई में तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने दी।

जन सुनवाई में महेंद्र यादव ने सर्वे के प्राविधानों व उद्देश्यों को बताया। पत्रकार अमरनाथ झा, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता विनोद कुमार व भुवनेश्वर प्रसाद को तीन सदस्यीय (जूरी) अध्यक्ष मंडल के रूप में चुना गया।

तटबंध के बीच चल रहे सुपौल प्रखंड के सर्वे की जटिलताओं व प्राविधानों की खामियों को पूर्व सरपंच हरेराम मिश्रा व अमीन संतराम यादव ने रखते हुए 09 पंचायत के किसानों के विरोध करने के कारणों को विस्तार से बताया। बलवा के किसान रंजीत यादव व उपेंद्र यादव ने बाढ़ पीड़ित किसानों के कागज एकत्र करने की कठिनाइयों, गरीबों को कागज मंगाने के नाम पर दौड़ाने, भ्रष्टाचार व सरकार के नाम जमीन जाने की बातें उठाई। बसबिट्टी के राजेंद्र यादव, मूंगा लाल तांती व मदन कुमार सिंह, घूरन पंचायत के निर्मली गांव के अरुण व संजय ने मौजे की अधिकांश जमीन नदी में होने की बात रखते हुए कहा कि यह सब बिहार सरकार हो जाएगी। खोखनहा के परमेश्वर यादव, सिघेश्वर राय, मु. सदरुल, मु. अब्बास, संतोष मुखिया, नोवाबाखर के रामचंद्र शर्मा, झकराही के महावीर प्रसाद, चंद्र मोहन यादव, बौराहा के पूर्व सरपंच आलोक राय, सोनवर्षा के गौकरण सुतिहार, ढोली के इंद्रजीत सिंह, कृष्णदेव भारत, सिकरहटा डगमारा के कामेश्वर कर्ण, राजेश मेहता आदि ने अपने-अपने गांव की रैयत की जमीन जिसपर वे लगान व सेस चुकाते हैं वह जमीन नदी में या बालू है तो वर्तमान प्राविधानों के अनुसार बिहार सरकार के नाम होने के खतरों की पीड़ा बताई।
विदित हो कि चल रहे सर्वे में सेटेलाइट से मैप 2011-12 में लिया गया था जिसमें अधिकांश नदी व बालू की जमीन जिसपर मेड़ नहीं है वह बिहार सरकार के नाम हो जाएगी, कोसी नदी अपने पुराने खाते व नक्शे की जमीन में बहुत कम जगह ही बहती है और धारा परिवर्तन के कारण फिर किसी अन्य रैयत के खेत में चली जाती है। इस प्रकार रैयतों की वर्तमान पीढी एक बार फिर से बड़ी संख्या में भूमिहीन होने के कगार पर है।
जानकारी दी गई कि जन सुनवाई की रिपोर्ट को लेकर भू राजस्व मंत्री व प्रधान सचिव से मिलने से लेकर अनेक प्रशासनिक विधायी लोगों से वार्ता होगी इसमें सुधार नहीं होने पर बांध के बीच असहयोग अभियान शुरू होगा। इस कार्यक्रम का संचालन इंद्र नारायण सिंह ने किया वहीं व्यवस्था में श्रवण, प्रमोद, मुकेश पटेल, विकास इत्यादि रहे।

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