पढ़ने के प्रति बच्चों की बढ़ रही रुचि

संवाद सूत्र, सहरसा : शिक्षा विभाग के प्रयास से अब छोटे-छोटे बच्चों को भी बचपन से ही पुस्तकों को पढ़ने के प्रति लगाव को जागृत किया जा रहा है। विभागीय पहल पर अब प्रारंभिक विद्यालयों में पुस्तकालय काम करना शुरू कर दिया है।

पहले सिर्फ यह सुविधा हाई स्कूल और प्लस टू स्कूलों में थी लेकिन इस वर्ष से शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को भी पुस्तकालय से जोड़ दिया है। हरेक स्कूलों में पुस्तकालय के लिए 140 तरह की अलग-अलग पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है जिसका लाभ बच्चों को मिल रहा है। जिले में 1312 स्कूलों में यह सुविधा दी जा रही है जिसमें करीब चार लाख बच्चे नामांकित है। नामांकित बच्चों में से करीब तीन लाख बच्चे पुस्तकालय का उपयोग करने लगे है। वर्ग कक्षा के बाद खाली समय में बच्चे स्कूल में उपलब्ध महापुरुषों की जीवनी, देश और राज्य से संबंधित पुस्तक, गोनू झा के किस्से कहानियां सहित कवि साहित्यकारों से जुड़ी पुस्तकें को पढ़ने का अवसर उठा रहे हैं।

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बच्चों में पढ़ने के प्रति बढ़ रही उत्सुकता
जिले के प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों को पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध होने लगी है। राज्य सरकार के प्रयास से सभी प्रारंभिक स्कूलों में पुस्तकालय के लिए पुस्तकें उपलब्ध करा दी गयी है। स्कूल में बच्चे देश की आजादी सहित महापरुषों और किस्सा- कहानियों को पढने का अवसर मिल रहा है। बच्चों में पढ़ने के प्रति ललक विकसित करने के लिए ही बच्चों को कहानी कविता के माध्यम से पुस्तकालय से जोड़ने की मुहिम शुरू है। इससे पहले हाई स्कूलों व प्लस टू स्कूल में ही पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध थी।
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कोट
हर स्कूल में है पुस्तकालय
जिले के 1312 स्कूलों के पुस्तकालय में पुस्तकें उपलब्ध करा दी गयी है। स्कूलों में क्षेत्रीय किस्से कहानियों के अलावा साहित्यकारों व महापुरूषों की जीवनी से संबंधित पुस्तकें भी उपलब्ध है। बच्चों में पुस्तकालय के प्रति रुचि बढ़ रही है।
जियाउल होदा खां, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान

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