एक ही कमरे में चलती है पहली से आठवीं तक की कक्षा

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल) : सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरा खुर्द पुनर्वास में ढाई सौ छात्र छात्राओं को बैठने के लिए मात्र एक कमरा है। पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्र छात्राओं को उसी कक्षा में बैठा कर शिक्षक पढ़ाई करवाते हैं। जगह की कमी के कारण कई छात्र-छात्राएं स्कूल आकर भी घर लौट जाते हैं।

प्रखंड मुख्यालय से पूरब नेशनल हाईवे के किनारे अवस्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरा खुर्द पुनर्वास में 05 शिक्षक कार्यरत हैं। वहां 250 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। विद्यालय को अपनी जमीन नहीं है। बरसों पूर्व बने विद्यालय भवन में दो कमरे हैं जिसमें एक में बेंच डेस्क सहित विद्यालय का अन्य सामान रखा रहता है। एक ही कमरे में चार दिशा से 05 शिक्षक बैठते हैं और बीच में होते हैं बच्चे। बुधवार को विद्यालय के कुछ छात्र छात्राओं ने बताया कि जब सभी शिक्षक एक ही कमरे में बैठे होते हैं तब बारी-बारी से कक्षा चलती है।
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पहली कक्षा के शिक्षक अपनी पढ़ाई पूरी कर आते हैं तो दूसरी कक्षा के शिक्षक पढ़ाने लगते हैं। फिर क्रमवार आठवीं कक्षा तक के छात्र छात्राओं को पढ़ाया जाता है और उस दौरान सभी कक्षा के छात्र आपस में एक दूसरे के अगल-बगल बैठे होते हैं। कुछ छात्र छात्राओं ने बताया कि पढ़ाई के समय कुछ भी नहीं समझ पाते हैं। छात्र-छात्राओं ने बताया कि विद्यालय में पढ़ाई के नाम पर कोरम पूरा किया जाता है जिससे उन सबों को काफी नुकसान होता है। मजबूरी में कई छात्र छात्रा प्राइवेट शिक्षक के पास पढ़ने लगे हैं।
विद्यालय में उपस्थित कुछ शिक्षकों ने बताया कि वहां जमीन नहीं रहने के कारण भवन नहीं बन पा रहा है। नामांकन के समय लोग जबरन अपने अपने बच्चों का नाम लिखवा कर चले जाते हैं। विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों का नाम भी नहीं काट सकते क्योंकि ऐसा करने पर अभिभावक उबल पड़ते हैं। शिक्षकों ने बताया कि नेशनल हाईवे के किनारे विद्यालय है और वहां किसी भी समय औचक निरीक्षण की संभावना बनी रहती है। इसे देखते हुए सभी शिक्षक एक ही कक्षा में बैठकर बच्चों को पढ़ाते रहते हैं। कुछ शिक्षक ने माना कि विद्यालय में जगह नहीं रहने के कारण 20-25 फीसद बच्चे ही आते हैं। बाकी बचे प्राइवेट शिक्षकों के पास पढ़कर अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं।

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