नकली बीज और खाद से ठगे जा रहे हैं कोसी के किसान

कुंदन कुमार, सहरसा : कोसी क्षेत्र में नकली बीज और खाद का धंधा खूब फल-फूल रहा है। इसके कारण उत्पादन प्रभावित होने से किसान खासे परेशानी में हैं। किसानों को गेहूं का अप्रमाणिक बीज और घटिया खाद के इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ता है। इसी का नतीजा है कि इस वर्ष क्राप कटिग में गत वर्ष की तुलना में काफी कम उत्पादन की बात सामने आ रही है। स्थानीय स्तर पर बीज खरीदने के बजाय बाहर से बीज लाने वाले किसानों का उत्पादन बेहतर हुआ है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा सहरसा में भी बीज परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की घोषणा की गई थी, लेकिन उसके अत्यावश्यक होने के बावजूद अबतक उसकी स्थापना नहीं की जा सकी है। किसानों को उसका अप्रत्यक्ष रूप से खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस वर्ष प्रमाणिक बीज के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ।


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शिकायतों पर भी नहीं होती है कार्रवाई
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नकली बीज और खाद के कारण हर वर्ष उत्पादन प्रभावित होता है। इसकी यदा-कदा शिकायतें भी विभाग को मिलती रहती है, परंतु विभाग स्तर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है। जिससे नकली खाद- बीज का धंधा रूकने का नाम ही नहीं लेता है। गत वर्ष फर्जी तरीके से सोनवर्षा में खाद बीज बिक्री करनेवाले एक दुकानदार पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई, परंतु जिले के अन्य भाग में कई फर्जी दुकान चोरी- छिपे अभी भी चल रहा है। बीज की जांच प्रयोगशाला में नहीं कराए जाने के कारण किसान काफी मेहनत मशक्कत करने के बाद भी अपेक्षित लाभ नहीं ले पाते हैं। दो वर्षों से बीज जांच प्रयोगशाला स्थापना की बात चल रही है, परंतु स्थापना नहीं हो पाने के कारण बीज के प्रमाणिकता की जांच नहीं हो पा रही है।
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बीज की गुणवत्ता पर आगे पूरा ध्यान रखा जाएगा। धान की खेती प्रारंभ होने के पूर्व सभी दुकानों के बीच का सैंपल लेकर बीज जांच प्रयोगशाला को भेजा जाएगा। नकली व गलत बीज प्रमाणित होने पर संबंधित दुकानदार के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञानचंद्र शर्मा
जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।

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