शुद्ध पेयजल का सपना नहीं हुआ साकार, आयरनयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं ग्रामीण

संवाद सूत्र, दिघलबैंक (किशनगंज): प्रखंड के लोहागड़ा पंचायत में ग्रामीण सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर-नल जल का सपना पूरा होने के इंतजार में हैं। यहां भू स्वामियों से भूमि लेकर उसपर टावर खड़ा कर दिया गया और लोगों को सपना दिखा गया कि योजना के शुरू होते ही आयरन मुक्त पानी लोगों को दिया जाएगा। जमींदारों के जगह तो चले गए, परंतु ग्रामीणों के गले की प्यास को बुझाने के लिए नल जल योजना उन्हें नहीं मिल पाया।

लोहागड़ा पंचायत के लोगों को आयरन मुक्त शुद्ध पेयजल देने का वादा विफल साबित हो रहा है। यहां लोग आज भी अपने चापाकल के धातु मिश्रित पानी पीने को मजबूर हैं। जिस पानी से तरह-तरह की बदबू भी आती है। यहां के ग्रामीणों को नल-जल योजना के तहत शुद्ध पानी का सपना दिखाकर जमीन अधिग्रहित कर लिया गया और उसपर टावर का भी निर्माण करवा दिया गया। लेकिन कई महीनों के बाद भी लोगों को पेयजल की प्राप्ति नहीं हो पाई। ग्रामीण लाचार और बेबस होकर चापाकल से आने वाले पानी को पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों में नल जल योजना को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि आखिर लाखों करोड़ों रुपये लगाकर सरकार इस योजना को चालू की थी। यह योजना अबतक चालू क्यों नहीं हो पाई। ना ही इसके संबंधित कोई अधिकारी है, ना ही कोई कर्मचारी हैं। ऐसे में कहीं पर इनके द्वारा टंकी खड़ा कर दिया गया है। तो कहीं पाइप लाइनें बिछा दी गई हैं। कहीं टूटी लगाया हुआ है। परंतु कहीं से जल नहीं आ रहा है। ग्रामीण इस संबंध में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, तो प्रखंड स्तर में कोई अधिकारी भी इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

अन्य समाचार