घटना के बाद दहशत में थे घायल बच्चे

संवाद सूत्र, चंद्रमंडी (जमुई): बम विस्फोट में लच्छीपुर गांव के चार बच्चों के घायल होने के चार घंटे बाद भी उनके चेहरे पर घटना का भय और खौफ साफ देखा जा रहा था। सुबह सात बजे हुई इस घटना के घंटों बीत जाने के बाद भी बच्चे दहशत में थे। 11 बजे के बाद जब पुलिस घायल बच्चों से मिलने गांव पहुंची तो बच्चे बिस्तर पर लेटे हुए थे। पुलिस घायल बच्चों से पूछताछ की लेकिन बच्चों के चेहरे पर घटना का डर साफ देखा जा रहा था। पुलिस ने जब बच्चों से घटनास्थल दिखाने के लिए कहा तो बच्चे डर से जाने को तैयार नहीं थे। अभिभावकों के काफी समझाने पर बच्चे जाने को तैयार हुए। पुलिस ने घटनास्थल की जांच की। पुलिस इसे पटाखा विस्फोट की घटना बता रही है, लेकिन जिस तरह से बच्चे घायल हुए हैं उससे नहीं लगता है कि यह पटाखा विस्फोट की घटना है। चारों बच्चों के मुंह, चेहरे पैर और पेट तक बम के छर्रे लगे हैं। अभिभावकों ने कहा कि पटाखा से इतना घायल नहीं हुआ जा सकता है।


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इनसेट
पगडंडीनुमा रास्ते पर कहां से आया बम
लोग सवाल उठा रहे हैं कि पगडंडीनुमा रास्ते पर बम कहां से आया और किस नीयत से यहां पर रखा गया था। इस पगडंडीनुमा रास्ते पर दिन भर लोगों की आवाजाही होती है। घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर माधोपुर फोरेस्ट आफिस, एसबीआइ, ग्रामीण बैंक सहित कई विभाग के कार्यालय हैं। ऐसे में पगडंडीनुमा रास्ते पर बम विस्फोट होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। सवाल है कि वहां पर बम किस लिए रखा गया था। अब तो यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि बम कहां से आया और किस नियत से से रखा गया था। हालांकि पुलिस अभी घटना की बाबत कुछ भी कहने से इन्कार कर रही है।

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