हैंड ओवर हो गया नया जेल फिर भी उद्घाटन में चल रहा है खेल

आरके सिंह ,जमुई। जब आबादी बढ़कर कई गुना अधिक हो गई है तब भी वही पुराने जेल में 184 पुरुष और चार महिला की जगह तीनगुना से अधिक कैदियों को रखकर 44-45 डिग्री तापमान में अमानवीय यातना ही जमुई जेल की पहचान है । वह भी तब जब जमुई के मनियडडा में जमुई मंडल कारा का नया विशाल भवन बनकर तैयार है। इसे इंफ्रास्ट्रक्चर डिपार्टमेंट ने गृह कारा विभाग को हैंडोवर भी कर दिया है। लगभग एक दशक से निर्माण की प्रक्रिया जेल के अंदर मोडिफिकेशन के नाम पर लंबी खींचती रही। ठेकेदारों ने निर्माण के नाम पर जेल से खूब कमाया। कहा जाता है कि अब जब जेल बन कर भी हैंडोवर हो गया है, तब कैदियों को शिफ्ट करने में विलंब के कारण पुराने मंडल कारा में क्षमता से तीन गुना अधिक कैदी इस गर्मी में अमानवीय जीवन जीने को विवश हैं। इससे पुराने जेल के अंदर कैदियों में चर्म रोग अन्य गंभीर बीमारियों के कारण मौत तक की घटनाएं हो रही है। मजे की बात तो यह है कि दो साल तक लगातार कोरोना के संकट में जमुई जेल में कैदियों को शिफ्ट करने से पहले कोरोना जांच और आइसोलेशन के लिए पास के शेखपुरा और लखीसराय तथा मुंगेर भेजे जाने के कारण न्यायिक प्रक्रिया में जमानत अथवा अन्य कागजी कार्रवाई के लिए मुवक्किलों व वकीलों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ा। उन्हें काफी खर्च कर मुंगेर लखीसराय और शेखपुरा की दौड़ लगानी पड़ी। इसपर कैदियों के न्यायिक अभिभावक न्यायिक पदाधिकारियों ने भी इस बात की सुधि नहीं ली कि नया जेल जब बनकर तैयार है तो अमानवीय जीवन जी रहे कैदियों को उसे जल्द से जल्द नए जेल में शिफ्ट किया जाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वक्त जमुई जेल में चार महिला कैदियों की क्षमता के विपरीत 24 महिला कैदी हैं। 184 पुरुष की जगह 644 से अधिक कैदी प्रचंड गर्मी और उमस में कैसा जीवन जी रहे होंगे। इसे बखूबी समझा जा सकता है।


कोट -
जेल सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार मंडल कारा जमुई सप्ताह भर फोन नहीं उठाया और बात होने पर हैंड ओवर होने की बात मानी तथा फोन काट दिया।
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जेल आईजी पटना, मनीष कुमार मीणा- इंफ्रास्ट्रक्चर डिपार्टमेंट ने जमुई मंडल कारा के नए भवन को हैंड ओवर कर दिया है। कुछ प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही माननीय द्वारा उद्घाटन कराया जाएगा।

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