ईओयू के राडार पर पूर्णिया के धनकुबेर एमवीआइ

राजीव कुमार, पूर्णिया। अवैध बालू खनन में संलिप्तता के आरोप में आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही है। काली कमाई करने वाले एक सीओ और थानेदार के ठिकानों पर छापेमारी में अकूत संपत्ति का पता चला है। वहीं बालू खनन में मिलीभगत से माल बनाने वाले संबंधित जिलों के कुछ अफसर लपेटे में आने से बचे हुए हैं। अब वैसे पदाधिकारियों पर आर्थिक अपराध इकाई ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पूर्णिया के मोटरयान निरीक्षक भी है, जो अब ईओयू के राडार पर है।उन पर आरोप है कि इस एमवीआई ने वर्ष 2021 में एक ही दिन अपनी पत्नी के नाम तीन भूखंड का निबंधन कराया। इसके अलावा बीमा एजेंट पत्नी के नाम जमीन के कई भूखंड है। अब आर्थिक अपराध इकाई इस बात की जांच कर रही है कि क्या वास्तव में परिवहन विभाग के इस कर्मी की पत्नी को


बीमा के कमीशन के रूप में कितनी रकम आई कि उसने एक ही दिन तीन भूखंड का निबंधन करा लिया। बताया जाता है कि आर्थिक अपराध इकाई जल्द जांच बाद आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर सकती है।
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क्या है यह पूरा मामला
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बालू खनन वाले जिले में पदस्थापित रहे पूर्णिया के वर्तमान मोटरयान निरीक्षक उपेंद्र राव ने 2021 में अपनी एजेंट पत्नी के नाम पर दानापुर इलाके में पांच मार्च 2021 को तीन प्लाट की खरीद की। उसका बाजार मूल्य करोड़ों में है। यद्यपि कागजी मूल्य लाखों में बताया गया है। पटना के दानापुर इलाके के उसरी में पांच मार्च 2021 को खरीदे गए उन तीनों प्लाटो में पहला 4.55 डिसमल, दूसरा 1.6 डिसमल और तीसरा 4.6 डिसमल है। एमवीआई की बीमा एजेंट पत्नी ने पांच मार्च को करीब 11 डिसमल जमीन की खरीद की गई। वहीं पत्नी के नाम पर पहले से दानापुर में जमीन के दो भूखंड है, जिसका रकवा करीब सात डिसमल है। पांच मार्च 2021 को जमीन निबंधन में पत्नी का पता सरदार पटेल कालोनी पीएंड माल पाटलिपुत्रा स्थित एक अपार्टमेंट का उल्लेख किया गया है।
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2019 से 2021 के बीच पत्नी की कमाई में भारी इजाफा
------------------------------ एमवीआई की पत्नी जो बीमा एजेंट है उसकी कमाई अचानक 2019 से 2021 के बीच बढ़ जाने की बात आर्थिक अपराध इकाई की जांच में आई है। इस दौरान एमवीआई बालू के बदनाम इलाके में ही तैनात थे। 2017 तक पत्नी की कमाई अधिक नहीं थी लेकिन 2019-21 से कमाई अचानक बढ़ गई। इनकम टैक्स के रूप में सरकार को 90 हजार रूपये देने का उल्लेख किया गया है। इसी दौरान एजेंट पत्नी ने 10 लाख का हाउस लोन लिया जो बढ़ कर अब 40 लाख के पार हो गई है।
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पूर्णिया में भी दलाल चला रहे एमवीआई कार्यालय
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धनकुबेर एमवीआई का खेल पूर्णिया में पदस्थापना के बाद भी जारी है। यहां भी दलाल ही एमवीआई कार्यालय को चला रहे है। बिना दलालों की सहमति के ना किसी को वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र मिलता है और ना ही ड्राइविग लाइसेंस। किसी भी कार्य के लिए एमवीआई कार्यालय में सक्रिय दलाल लल्लू को नजराना देना पड़ता है। दलाली का आलम यह है कि एमवीआई भले ही पूर्णिया के हो लेकिन इनका चालक इनका खुद रिश्तेदार है, जो चालक के अलावा कार्यालय का सारा काम वहीं देखता है। पूर्णिया एमवीआई कार्यालय का हाल यह है कि सैंया भए कोतवाल अब डारे काहे का। एमवीआई का अपने आप को कथित रिश्तेदार बताने वाला यह कर्मी खुलेआम परिवहन विभाग में जाकर बैठता है और कार्य भी करता है। कोट के लिए
बालू खनन में शामिल कई अधिकारियों के खिलाफ अपराध इकाई द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है। कुछ अन्य पदाधिकारियों की सूची में पूर्णिया के मोटरयान निरीक्षक शामिल हैं। उनके हाल के वर्षों में जुटाई गई संपति की भी जांच की जा रही है।
नैयर हसनैन खां, एडीजी, अपराध अनुसंधान इकाई, पटना।
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कोट के लिए
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हमने अपनी और पत्नी के नाम से जो भी संपति है, उसकी पूरी जानकारी विभाग को दे दी है। उनकी कोई संपत्ति किसी से छिपी हुई नहीं है। अवैध संपत्ति का आरोप पूरी तरह से निराधार है। उनकी पत्नी बीमा एजेंट हैं ही, वे खुद भी बीमा कंपनी के एजेंट हैं।
उपेंद्र राव, मोटरयान निरीक्षक, पूर्णिया।
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