असाधारण व्यक्तित्व व मधुर कंठ के स्वामी थे धीरबाबू

जागरण संवाददाता, सुपौल: बीएसएस कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. धीरेंद्र नारायण झा धीर के निधन पर सोमवार को पब्लिक लाइब्रेरी एंड क्लब सभागार में शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सभा को संबोधित करते हुए बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति मु. हारून रशीद ने कहा कि उन्हें जब कभी भी राज्य और राष्ट्र स्तर पर मैथिली साहित्य सम्मेलन में भाग लेने का मौका मिला हर जगह धीर बाबू की चर्चा सुनने को अवश्य मिलती थी। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि मैथिली साहित्य जगत में व कितने लोकप्रिय थे। इन्हें मैथिली कविता की हर विधाओं में महारत हासिल थे। अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर ने इनके कृत्य को याद करते हुए कहा कि मैथिली वाचन की शुद्धता पर वे काफी बल दिया करते थे। शोक सभा में क्लब के सचिव ब्रजेश कुमार सिंह ,संयुक्त सचिव गोविद प्रसाद साह, कोषाध्यक्ष संजीव कुमार, मिलाप चंद जैन, रवि शंकर झा सजल किशोर समेत अन्य लोगों ने अपनी संवेदना प्रकट की।

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वहीं दूसरी ओर हिदू जागरण मंच की ओर से स्थानीय धतालदास ठाकुरवाड़ी में एक शोक सभा का आयोजन किया गया जहां उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र नारायण पाठक ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते कहा कि वे असाधारण व्यक्तित्व व मधुर कंठ के स्वामी थे। उनके निधन से एक ऐसा शून्य बना है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं। लोक गायक के रूप में उन्होंने बड़ी ख्याति हासिल कर रखी थी। मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष रमण कुमार चंद, जिला महामंत्री अनिल कुमार वर्मा,मंत्री रणधीर चौधरी, उपाध्यक्ष राजेश्वर विश्वास,मदन मोहन शर्मा, रामनारायण रजक, रघुनंदन साह, राजेश कुमार मोहनका, दिलीप कुमार सिंह,बलराम कामत आदि मौजूद थे।

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