सात दिवसीय भागवत कथा के समापन के उपरांत हवन कर सुख समृद्धि का किया गया कामना



संवाद सूत्र, फारबिसगंज (अररिया) :-
फारबिसगंज के सुल्तान पकड़ी स्थित शिव मंदिर में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समाप्ति के उपरांत अयोध्या धाम से पधारे आचार्य भूपेंद्र रामानज महाराज ने हवन कर आहुति दी एवं सुख समृद्धि की कामना की। मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर हवन में शरीक हुए और भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हुआ। आचार्य रामानुज महाराज ने कहा कि किसी भी यज्ञ की पूर्णता पर हवन आवश्यक होता है। जिससे पूरे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आसुरी शक्ति का नाश होता है। इससे पूर्व भागवत कथा के अंतिम दिन अपने प्रवचन में महाराज ने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन किया उन्होंने कहा कि सुदामा ब्राह्मणों में सर्वश्रेष्ठ और विद्वान परम संतोषी थे।श्री कृष्ण से मिलने जब सुदामा द्वारका जाते है तब उनकी पत्नी ने भेट स्वरूप चावल के दाने दिए जब द्वारिकाधीश उन चावल को एक बार मुंह में लिया फिर जब दूसरी बार खाने के लिए मुंह खोला ही था कि रुक्मणी जी भगवान् का हाथ पकड़ लिया और बोली पहली बार में ही स्वर्ग दे दिया और मै आपके बिना नही रह सकती तब भगवान् श्रीकृष्ण ने साक्षात माता लक्ष्मी पर कृपा की ओर अभय दिया। महाराज ने कहा कि आज भी भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता लोगों में एक मिसाल के रूप में पेश की जाती है। वहीं प्रवचन के दौरान अयोध्या धामसे पधारे आशुतोष, दीपक, अनुपम, रविकांत, आदर्श शिवलोचन के मधुर भजन अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो दर पे सुदामा गरीब आ गया है..उमड़ी जनसमूह झूमने लगे। प्रवचन के उपरांत हवन कार्य में केशव, कुणाल, लुसी देवी, विवेक सिखवाल, सरिता देवी, अभय कुमार सिन्हा, रश्मि रेखा, सुनील कुमार अग्रवाल, शोभा देवी, जगदीश प्रसाद, महेश्वरी, निर्मला देवी, जयप्रकाश अग्रवाल, सीता देवी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन मे भाग लिया। भागवत कथा को सफल बनाने में पण्डित जितेन्द्र झा, भगवान मिश्र, यश, तेजस्वी, दीपेश, टिकू, प्रशान्त, पूनम पांडिया, उमेश वर्मा, भीमा रजक का अहम योगदान रहा।
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