जच्चा-बच्चा की मौत के बाद चिकित्सकों और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग

संवाद सूत्र, बेलदौर (खगड़िया): सुरक्षित प्रसव का दावा बेलदौर पीएचसी में खोखला साबित होता दिखाई पड़ रहा है। पीएचसी की कुव्यवस्था के कारण छह दिनों पहले जच्चा-बच्चा की जान चली गई। डुमरी गांव के प्रसवी महिला गुड़िया खातून व नवजात की मौत इलाज के दौरान खगड़िया के एक निजी क्लीनिक में हो गई।

जानकारी के मुताबिक 28 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने के बाद डुमरी गांव के गुड़िया खातून को स्वजन आटो से लेकर बेलदौर पीएचसी पहुंचे। गुड़िया खातून के पति मु. हन्नान ने बताया कि पीएचसी के चिकित्सक व एएनएम ने प्राथमिक उपचार के नाम पर महज दो इंजेक्शन लगाया। लेकिन रक्तस्त्राव जो शुरू हुआ वह थमने का नाम नहीं लिया। रक्तस्त्राव होने के बाद गुड़िया की तबीयत बिगड़ती चली गई। जिसे देख चिकित्सकों ने खगड़िया रेफर कर दिया। लेकिन पीएचसी प्रबंधक से एंबुलेंस के लिए गुहार लगाते रहे, परंतु तीन घंटे बाद भी एंबुलेंस नसीब नहीं हो पाई। थक-हारकर प्राइवेट गाड़ी कर इलाज के लिए खगड़िया के एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया। जहां रात में आपरेशन के बाद जच्चा एवं बच्चा की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि अगर पीएचसी में सही इलाज होता और समय पर एंबुलेंस मिलती, तो यह हादसा नहीं होता। उन्होंने संबंधित चिकित्सक एवं कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इधर सिविल सर्जन ने बताया कि पीएचसी के पास एक ही एंबुलेंस है। जब तक अतिरिक्त एंबुलेंस नहीं मिल जाती, तब तक प्रभारी को अपने स्तर से इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है। फिर भी मामले की जांच कराई जाएगी।

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