जिले में लक्ष्य से पिछड़ा बंध्याकरण

संवाद सहयोगी, जमुई : परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई महिला बंध्याकरण योजना जिले में अपने लक्ष्य से पिछड़ती नजर आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में मात्र सभी स्वास्थ्य संस्थान को मिलाकर 8961 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया है। यह आंकड़ा कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की लापरवाही को दर्शाने के लिए काफी है। क्योंकि यह जिले में प्रत्येक वर्ष होने वाले संस्थागत प्रसव के आंकड़े से काफी कम है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि जिला में परिवार नियोजन का सभी प्रयास सही तरीके से जमीन पर उतरता हुआ नहीं दिख रहा है और विभाग के द्वारा परिवार नियोजन के नाम पर महज औपचारिकता पूरा किया जा रहा है। हालांकि इस आंकड़ों के खेल में यह बात सामने आई है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर विभाग द्वारा निर्धारित 1273 बंध्याकरण के विरुद्ध 4330 का बंध्याकरण किया गया है। जमुई प्रखंड और शहरी क्षेत्र को मिलाकर निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 340 फीसद बंध्याकरण किया गया है। बंध्याकरण में गिद्धौर प्रखंड की भी उपलब्धि ठीक-ठाक है। यहां निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 78 फीसद हासिल किया गया है। लक्ष्मीपुर, बरहट और अलीगंज प्रखंड का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक है। यहां कुल निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 46 फीसद ही उपलब्धि हासिल की जा सकी है। चार प्रखंड को छोड़कर अन्य सभी प्रखंडों के महिला बंध्याकरण में निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे कहीं ना कहीं स्वास्थ्य कर्मियों की अकर्मण्यता और प्रचार- प्रसार की कमी की बात भी निकल कर सामने आ रही है।


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बाक्स के लिए
प्रखंड का नाम-- उपलब्धि (अंकों में) 1. बरहट ------231 2.चकाई--------716 3. गिद्धौर-----333 4. अलीगंज---268 5.जमुई शहरी और ग्रामीण--4330 6.झाझा----881 7.खैरा-----720 8.लक्ष्मीपुर---311 9. सिकंदरा---531 10.सोनो---640
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कोट
कोरोना संक्रमण के कारण विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पिछले वित्तीय वर्ष में हासिल नहीं किया जा सका है। इस वित्तीय वर्ष में बंध्याकरण के लक्ष्य को 70 प्रतिशत हासिल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
डा. अजय भारती, सिविल सर्जन

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