जन औषधि केंद्र का सपना नहीं हो सका है साकार, मरीज परेशान

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। सस्ती दरों में दवा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र अबतक जिला मुख्यालय में नहीं खोला गया है। प्रधानमंत्री का गरीब मरीजों को सस्ती दरों में दवा उपलब्ध कराने का सपना अबतक जिला मुख्यालय में साकार नहीं हो पाया है। जैनरिक दवाइयों को कम कीमत पर केंद्र से मरीजों को मिलेगा। औषधि केंद्रों पर सभी तरह की दवाएं उपलब्ध रहेगी और उसकी कीमत भी कम होगी। केंद्र की निगरानी जिला प्रशासन के माध्यम से केंद्र सरकार आन लाइन करेगी। केंद्र सरकार करती है आनलाइन निगरानी -:

औषधि केंद्र की निगरानी आन लाइन की जाती है। सभी केंद्रों पर एक साफ्टवेयर लगाया जाता है। जिसके सहारे दवा केंद्रों पर दवा के रखरखाव, बिक्री आदी पर निगरानी रखी जाती है। बैच नंबर के सहारे दवा पर पैनी नजर रहती है। किसी दवा के खराब होने की जानकारी साफ्टवेयर देगी जिसकी बिक्री नहीं की जा सकेगी। इसका एक वेबसाइट होता है जिसमें औषधि केंद्र से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी। केंद्र का संचालन मानक के अनुरूप किया जाना है। जिले में ऐसे कई केंद्र खोला जाना है लेकिन अबतक जिला मुख्यालय में ही केंद्र खोलने की योजना जमीन पर नहीं उतर सकी है। दरअसल जिला प्रशासन के माध्यम से लाइसेंस जारी किया जाता है और अस्पताल प्रशासन इसको जमीन मुहैय्या कराता है। अबतक इसके लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। डीपीएम ब्रजेश कुमार ने बताया जिले में दो केंद्र का संचालन प्रखंड स्तर पर किया जा रहा है। इसमें एक अमौर के दलमारपुर और दूसरा बनमनखी के जानकीनगर बाजार में है।

केंद्रों में 700 तरह की दवा रहती है उपलब्ध -:
जन औषधि केंद्र पर 700 तरह की दवा उपलब्ध रहती है। जिसकी खरीद दिल्ली और पटना से सीधे किया जाता है। इसमें भारत सरकार दवा की गुणवत्ता और दरों पर सीधे निगरानी रखती है। केंद्रों पर सूचीबद्ध दवाओं के अलावा अन्य किसी दवा की बिक्री करने की अनुमति नहीं रहती है। दवाओं में जन औषधि केंद्र की मोहर भी लगी रहती है। दवा के पैक पर लिखी कीमत से अधिक में इसे बेचे जाने पर तुरंत कार्रवाई होगी। संचालकों को मिलता है 20 प्रतिशत मुनाफा -:
सरकार अच्छे कंपनियों की दवा इन केंद्रों पर उपलब्ध कराएगी लेकिन दवाओं की सरकार कीमत बाजार दर से काफी कम रहती है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जन औषधि केंद्र के बाजार की तुलना में करीब तीन गुणा कम दर पर दवा केंद्रों पर दवा मिलती है। सरकार केंद्र संचालकों को बीस फीसद का मारजीन देगी। दवाओं की बिक्री पर बीस फीसद मुनाफा सरकार संचालकों को देगी। एक्सपायरी दवा, नकली और प्रतिबंधित दवा केंद्रों पर नहीं बेची जा सकेगी। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार ने बताया कि जन औषधि केंद्र अभी दो प्रखंड में संचालित किया जा रहा है। अमौर और बनमनखी में संचालन हो रहा है। दरअसल इसके लिए एजेंसी पहले ही तय कर दी गई है जिसको खोलना है इसमें विभाग को इससे कोई सीधा संबंध नहीं है।

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