मरीजों के हितों को दरकिनार कर जिले में चल रहा है प्रतिनियुक्ति का खेल

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिले में प्रतिनियुक्ति का खेल चल रहा है। कभी नियमों का हवाला देकर एक प्रतिनियुक्ति रद्द की जाती है तो कभी प्रशासनिक आवश्यकता को बता कर पसंदीदा जगह पर प्रतिनियुक्ति कर दी जाती है। स्पष्ट है इसमें नियमों का हवाला सुविधा अनुसार दिया जाता है। जिले में कई जगहों पर चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर हैं।

अमौर से लेकर रुपौली तक यह खेल चल रहा है। लक्ष्य प्रमाणीकरण और मरीजों के हित के लिए अपर सचिव के निर्देश को भी दरकिनार कर जीएमसीएच में प्रतिनियुक्ति को रद्द कर मूल स्थान में दो चिकित्सक को भेज दिया जाता है। इसके लिए क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं पूर्णिया प्रमंडल के पत्र का हवाला दिया जाता है। सिविल सर्जन ने धमदाहा अनुमंडल अस्पताल पर पदस्थापित डा. बनोही नसरीन को काफी समय से पनपसंद जगह जलालगढ़ पीएचसी में प्रतिनियुक्त किया गया है। अगर आरएडी के पत्र का अनुपालन इतना ही आवश्यक है तो फिर जलालगढ़ में महिला चिकित्सक पर मेहरबानी का राज क्या है। लक्ष्य प्रमाणीकरण और बंध्याकरण आपरेशन के लिए सर्जन की आवश्यकता है तो महिला चिकित्सक डा. सबोही नसरीन बंध्याकरण आपरेशन के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक है और उन्होंने सदर अस्पताल में आपरेशन करने का अनुभव भी है। ऐसे में इतने महत्वपूर्ण महिला चिकित्सक को मरीजों के हित को दरकिनार कर क्यों जलालगढ़ पीएचसी में भेजा गया गया है जहां ना तो ओटी की सुविधा है और ना ही वहां इस तह का आपरेशन करने की सुविधा होने की संभावना है। बनमनखी में ओटी प्रारंभ हुआ है और प्रशिक्षित महिला चिकित्सक की आवश्यकता है। सिविल सर्जन स्वयं ही आरएडी के पद पर तो फिर उनसे पूछने वाला कौन है। अपने लोगों को खुल कर रबड़ी बांटी जा रही है तो इसके लिए सभी नियमों को दरकिनार कर दिया गया है। सिविल सर्जन के लिए क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं पूर्णिया प्रमंडल का निर्देश मायने नहीं रखता है क्योंकि दोनों पद पर एक ही व्यक्ति है। विदित हो जीएमसीएच के दो चिकित्सक जिनको मूल स्थान धमदाहा में वापस भेजा गया है उसको सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा ने पहले प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी थी। उस दौरा तात्कालिक अधीक्षक ने अपर सचिव के 32 चिकित्सकों के एक साथ सदर अस्पताल से जीएमसीएच में समाहित करने की बात कह विरमित करने से मना कर दिया था। इस संबंध में अपर सचिव से पत्राचार भी किया गया। इस पर सीएस ने वेतन बंद करने का प्रस्ताव किया था। उसके बाद मामला प्रमंडलीय आयुक्त के दरवाजे पर पहुंचा तो उन्होंने स्पष्ट आदेश जारी कर निर्देशित किया था इस मामले में अपर सचिव के पास मामला लंबित है। यह भी निर्देश दिया गया था कि सर्जन डा. बागेश्वर की जीएमसीएच में आवश्यकता और उपयोगिता के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग से इनकी प्रतिनियुक्ति न समाप्त करने का अनुरोध के साथ मार्गदर्शन की अपेक्षा की गई है। ऐसी स्थिति में इन्हे विरमित करना उचित नहीं होगा। पत्र में मार्गदर्शन के आने तक फैसला नहीं करने का निर्देश दिया गया था। सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा ने बताया कि प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखकर ऐसा किया गया है।

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