जिले में महंगी दवा खरीदने को लोग विवश, जन औषधि केंद्र बेकार

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। जिले में राष्ट्रीय जन औषधि केंद्र की योजना नाकाम साबित हो रही है। मरीजों को महंगी दवा खरीदने के लिए विवश होना पड़ रहा है। सस्ती दवा मुहैय्या कराने की योजना को जिला प्रशासन की नाकामी के कारण अमलीजामा पहुंचाया ही नहीं जा सका है। अव्वल तो जन औषधि स्टोर जिला मुख्यालय समेत जिले में कहीं नजर भी नहीं आता है और दो प्रखंड में है भी तो वह अक्सर बंद रहता है। बनमनखी और अमौर दो प्रखंड में संचालित हो रहा है लेकिन यह अक्सर बंद रहता है। चिकित्सक जेनेरिक दवा लिखने की जहमत नहीं उठाते हैं। स्टोर नहीं रहने के कारण मानिटरिग बाडी भी सख्ती करने में नाकाम साबित होती है। जब जेनेरिक दवा स्टोर ही नहीं है तो चिकित्सक पर इस दवा लिखने के लिए दबाव का कोई मतलब नहीं बनता है। इसका लाभ दवा कंपनियों को हो रहा है। चिकित्सक महंगी दवा लिखते हैं। बनमनखी में स्टोर है भी तो वह अस्पताल के पास नहीं रहने के कारण मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है। मरीजों को कमीशन वाली महंगी दवा खरीदने पड़ती है। जिले के सभी क्षेत्र का यही हाल है। जो जन औषधि केंद्र हैं भी उसमें महज सभी तरह की दवाएं नहीं मिल रही है। महज चालीस तरह की दवा ही इन केंद्रों में उपलब्ध है। सर्जिकल सामान उपलब्ध नहीं रहता है।मरीजों को परेशानी होती है इसलिए एक बार आने के बाद दोबारा नहीं आते हैं। दवा अधिक नहीं रखने और नहीं बिकने के कारण उसके एक्सपायर होने का भी खतरा बना रहता है। संचालक ने बताया कई बार दवाओं को आर्डर देने के बाद भी एजेंसी दवा मुहैया नहीं करा पाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के उदासीन रवैये के कारण किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में यह सेंटर नहीं खोला गया है। कई लोगों ने सेंटर खोलने को लेकर आवेदन भी किया है लेकिन उसको रद्दी के टोकरी में डाल दिया गया है। केंद्र सरकारी लोगों को सस्ती दवा पहुंचाने की योजना को स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी ने पलिता लगा रहे हैं। आम मरीजों को सस्ती दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।


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