88 वर्ष बाद कोसी का मिथिलांचल से होगा मिलन

संवाद सूत्र, सहरसा: दरभंगा से सहरसा के बीच तीन जोडी डेमू पैसेंजर ट्रेन चलेगी। जिसकी स्वीकृति मिल गयी है। अब कोसी क्षेत्र के लोगों को दरभंगा जाना आसान हो जाएगा। कोसी क्षेत्र से मिथिलांचल का मिलन रेल मार्ग से 88 वर्ष बाद होगा।

सहरसा से दरभंगा के बीच ट्रेन के परिचालन शुरू होने से सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा तीनों जिले के करीब 50 लाख की आबादी को इसका लाभ मिलेगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सात मई 22 को नई दिल्ली से ही वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए झंझारपुर- निर्मली नव आमान परिवर्तन रेल खंड 32 किमी. तथा निर्मली- आसनपुर कुपहा नई रेल लाइन छह किमी. का उद्धाटन एवं नए रेल खंड पर हरी झंडी दिखाकर ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर झंझारपुर स्टेशन पर समारोह आयोजित किया गया है। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। पूर्व मध्य रेल के मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल ने बताया कि सात मई को उदघाटन अवसर पर दिन के दो बजे झंझारपुर स्टेशन से सहरसा के लिए डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन को उद्घाटन स्पेशल ट्रेन के रूप में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। इस ट्रेन का परिचालन ओपन टाइम के अनुसार किया जाएगा।

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1934 में आयी प्रलंयकारी भूकंप में ध्वस्त हुआ था रेल पुल
आजादी से पहले ही इस क्षेत्र में वर्ष 1934 में आयी प्रलंयकारी भूकंप के कारण कोसी- मिथिलांचल क्षेत्र में रेल मार्ग की काफी बर्बादी हुई थी। रेल महासेतु भी ध्वस्त हो गया था। कोसी व मिथिलांचल को जोड़नेवाली रेल महासेतु का उदघाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितंबर 2020 को किया। करीब दो किमी के इस रेल महासेतु पर 491 करोड़ रूपये खर्च किए गए। झंझाडपुर से आसनपुर कुपहा तक 38 किमी का कार्य पर 456 करोड रूपये खचे हुए। इस रेल खंड के चालू हो जाने से 88 वर्षों के बाद दो भागों में विभाजित मिथिलांचल के बीच रेल संपर्क पुन: स्थापित हो जाएगा। इससे इस क्षेत्र के लोग रेलवे के विशाल नेटवर्क से जुड जाएंगे। जो लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि का द्वार खोलेगा।

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