पारंपरिक खेती को छोड़ मक्के की ओर बढ़ रहा किसानों का रुझान

संवाद सहयोगी, किशनगंज : जिले में खेती-किसानी से जुड़े लोगों का रुझान लगातार पारंपरिक फसलों से कम होकर नकदी फसल (कैश कार्प) की ओर बढ़ रहा है। वहीं साल दर साल गेहूं की पैदावार लगातार कम होती जा रही है। नकदी फसल के रूप में मक्के की फसल की बुआई में लगातार इजाफा बरकरार है। कृषि विभाग के लक्ष्य निर्धारण से प्रत्येक वर्ष मक्के की खेती में जिला में तीन सौ से चार सौ प्रतिशत अतिरिक्त अच्छादन किसानों द्वारा किया जा रहा है। हालांकि अब पूर्णिया में ग्रेन बेस्ड इथेनाल प्लांट खुलने से किसानों के मक्के की फसल पर अगली रबी सीजन से और वृद्धि की संभावना प्रबल हो गई है और फसल का उचित मूल्य मिलने को लेकर किसान भी उत्साहित हैं।


जिले के सातों प्रखंडों में पिछले कुछ सालों से मक्के की खेती की ओर किसानों का रुझान लगातार बढ़ते जा रहा है। इसका मुख्य वजह मक्के की की खरीद को लेकर व्यापारियों की दिलचस्पी है। जहां पारंपरिक फसल गेहूं के उत्पादन से किसानों को उचित मूल्य प्राप्त ना होने का डर बना रहता है। वहीं मक्के की खेती के बंपर पैदावार के बावजूद फसल की बेहतर कीमत के साथ फसल का उठाव व्यापारियों द्वारा कर ली जा रही है। किसानों को फसल से उत्पादन होते ही बिक्री के लिए चितित नहीं होना पड़ता है और नकद बिक्री हो जाती है।

विभाग के लक्ष्य से अधिक हो रही मक्के की फसल::

जिले में पिछले तीन साल के मक्का की खेती के आंकड़े पर गौर करें तो कृषि विभाग के लक्ष्य के अनुरूप अधिक हेक्टेयर में फसल लगाया जा रहा है। वहीं साल दर साल लक्ष्य के अनुरूप अच्छादन बढ़ते जा रहा है। वर्ष 2019-20 में कृषि विभाग ने (रबी) मक्का का 10 हजार हेक्टेयर लक्ष्य रखा था। इस वर्ष लक्ष्य के अनुरूप 293 प्रतिशत अधिक 29 हजार 300 हेक्टेयर में मक्का फसल लगाया गया था। वर्ष 2020-21 में विभाग ने 10 हजार हेक्टेयर में मक्का फसल का लक्ष्य रखा जबकि इसका अच्छादन 448 प्रतिशत तक अधिक हुआ जो 44 हजार 826 हेक्टेयर में हुआ। वहीं 2021-22 में मक्का के अच्छादन का लक्ष्य 58 हजार 506 हेक्टेयर रखा गया। इसके एवज में 60 हजार 927 हेक्टेयर में मक्का का अच्छादन किया गया है। कृषि विभाग मक्का खेती के प्रति लगातार किसानों के बढ़ते रुझान को देखते हुए लक्ष्य को भी बढ़ाते जा रहा है।

लगातार घट रहा गेहूं का रकबा::

जिले में गेहूं की फसल की बात करें तो विभाग के तय लक्ष्य से कम की प्राप्ति हो रही है। इसमें वृद्धि की दर बहुत धीमी चल रही है। कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2029-20 में तय 22 हजार हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 11 हजार 370 हेक्टेयर की प्राप्ति की जा सकी। वर्ष 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य 22 हजार हेक्टेयर के आधार पर 13 हजार 96 हेक्टेयर के साथ तय लक्ष्य का 60 प्रतिशत प्राप्ति रहा। वहीं लगातार किसानों की रूची गेहूं के प्रति होते देख विभाग ने लक्ष्य के भी कम कर दिया। वर्ष 2021-22 में 9 हजार हेक्टेयर में गेहूं का लक्ष्य रखा गया। लक्ष्य के अनुरूप 6 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल हुई है। गेहूं के मामले में पूरे जिले में मात्र टेढ़ागाछ प्रखंड ही पूर्ण उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त कर पा रहा है।

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