गैस की लगातार बढ़ रही कीमत गृहणियों की बढ़ा रही है बेचैनी

संस, सहरसा। गैस की लगातार बढ़ रही कीमत अब आम परिवारों के लिए असहनीय साबित हो रहा है। इसके कारण आम परिवार का घरेलू बजट पूरी तरह बिगड़ गया। वहीं उज्ज्वला योजना के लाभुकों के लिए अब गैस का सिलिडर और चूल्हा शोभा की वस्तु बनती जा रही है।

जिले के एक लाख 68 हजार 978 उज्ज्वला योजना के लाभुकों में मार्च महीने तक 90 हजार ने गैस भराना बंद कर लिया था, अब इसकी संख्या लाख को छूने लगी है। शेष लाभुक भी गैस का नियमित नहीं सुविधानुसार उपयोग करते हैं। इन लाभुकों की सब्सिडी से ही सरकार को कनेक्शन मद का 1600 रुपये समायोजित करने का प्रावधान है। लगातार उपभोक्ताओं द्वारा गैस रिफिलिग छोड़े जाने के कारण इस राशि की वापसी भी बंद हो गयी है। इस मद में सरकार का लगा पैसा भी फंस गया है।

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क्या कहती है गृहणियां
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गैस की लगातार बढ़ रही कीमतों से घर की महिलाएं सबसे अधिक दुखी है। मध्यमवर्गीय व निम्नमध्यमवर्गीय परिवार को घर चलाना कठिन हो गया है।
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फोटो 8 एसएआर 9
गैस की बढ़ती कीमत से अब लगने लगा है कि सरकार आमलोगों को जीने का अधिकार छीनने पर आमदा है। तीन वर्षों में गैस की कीमत दोगुना से भी अधिक बढ़ गया है। गैस खरीदने के नाम पर ही अब लोगों के माथे पर बल पड़ जाता है।
अर्चना सिंह, गृहिणी
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फोटो 8 एसएआर 10
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गैस के बिना किसी परिवार का काम नहीं चल सकता, परंतु गैस की कीमत जिस प्रकार बढ़ रही है, उससे गृहणियों की परेशानी काफी बढ़ गई है। हर सामान की कीमत बढ़ने से वैसे ही लोग कटौती में लगे हैं, इस कटौती के बावजूद भी गैस की कीमत बजट को बिगाड़ रहा है।
प्रीति देवी, गृहिणी
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फोटो 8 एसएआर 14
गैस की लगातार बढ़ती कीमत आमलोगों की जिदगी में परेशानी बढ़ा रहा है। हर बार बजट में आमलोगों को सुविधा देने की बात की जाती है। परंतु, हर ²ष्टि से सरकार का आम लोगों पर ही प्रहार हो रहा है। गैस की कीमत अब असहनीय हो गई है।
कुमुदलता सिंह, गृहिणी
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क्या कहती है उज्जवाला योजना से आच्छादित महिलाएं
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फोटो 8 एसएआर 8
सहरसा नगरपरिषद वार्ड नंबर एक की उज्ज्वला योजना लाभुक रंजना देवी कहती है कि गैस कनेक्शन मिलने से उनलोगों को काफी खुशी मिली थी, परंतु सिलिडर भरवाने की बढ़ती कीमत उनलोगों के लिए असहनीय हो रहा है। ऐसे में लकड़ी- उपला से चूल्हा जलाना ही उचित लगता है। भेलवा की आशा देवी कहती है कि गैस की कीमत इतनी हो गई है, कि इसका हमलोग शौक रंजन देवी, नीतू देवी, मीना देवी आदि ने भी कहा कि एलपीजी की बढ़ती कीमत के कारण इसका उपयोग कमजोर वर्ग के लोगों के वश में नहीं है। इनलोगों के घर में गैस का सिलिडर और चूल्हा शोभा की वस्तु बनी हुई है। जब उज्ज्वला योजना प्रारंभ हुआ था तो गैस की कीमत साढ़े पांच सौ थी, जो अब 11 सौ को पार कर गई है। जो आमलोगों के वश में नहीं है।

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