विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ा पंचायतों में लोक सेवा का अधिकार

जागरण संवाददाता, सुपौल: सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत 15 अगस्त 2021 को जिले के सभी पंचायतों में एकसाथ आरटीपीएस काउंटर खोले गए। मकसद था कि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन यापन करने वाले लोगों को जाति, आवासीय,आय, आनलाइन फार्म समेत राशन कार्ड बनाने के साथ-साथ लोक सेवा अधिकारों से जुड़े अन्य कार्यों के लिए प्रखंड का चक्कर न लगाना पड़े। इसके लिए सरकार ने सभी पंचायतों में कार्यपालक सहायकों की नियुक्ति के साथ-साथ उन्हें अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराई । परंतु सरकार की यह व्यवस्था जिले में विभागीय उदासीनता की भेंट चढ कर रह गई है। या यूं कहें कि जिले के पंचायतों में शुरू की गई लोक सेवाओं के अधिकार वाली यह व्यवस्था मखौल बनी हुई है। स्थिति ऐसी है कि पंचायतों में पदस्थापित जिन कार्यपालक सहायकों के जिम्मे यह कार्य सौंपा गया है उन्हें अक्सर प्रखंड स्तरीय अधिकारी ही बुला लेते हैं या फिर वे पंचायत आना ही नहीं चाहते या फिर कभी आ भी जाते हैं तो इनके द्वारा कोई न कोई बहाना बनाकर लोगों को टाल दिया जाता है। हालांकि कुछ पंचायतों में आरटीपीएस काउंटर स्थापित होने के बाद निर्धारित किए गए प्रमाण पत्रों में से कुछ प्रमाण पत्र शुरुआत में निर्गत हो पाया। लेकिन कई गांव में अब यह सुविधा भी लोगों को मिलनी बंद हो गई है। परिणाम है कि सर्टिफिकेट निर्गत करने जैसे छोटे-छोटे कार्यों के लिए आज भी लोगों को प्रखंड मुख्यालय का ही सहारा लेना पड़ता है । दरअसल पंचायत में एक ही छत के नीचे पंचायत वासियों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए सरकार ने पंचायत सरकार भवन निर्माण करने का फैसला लिया और 30 सरकार भवन का न सिर्फ निर्माण कराया जा सका है बल्कि इन्हें क्रियाशील भी कर दिया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा लाखों रुपए के उपस्कर समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है । परंतु विडंबना देखिए इतने के बाद भी लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत दी जाने वाली सुविधाओं से लोग वंचित रह जा रहे हैं तथा उन्हें प्रखंड मुख्यालय का ही सहारा लेना पड़ रहा है । जागरण के पड़ताल में यह बात सामने आई कि पंचायतों में खोले गए आरटीपीएस काउंटर शुरू से ही लोगों को सुविधा मुहैया कराने में सक्षम नहीं रहा है। लोगों का कहना है कि इन काउंटरों से आज तक प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हुआ और बड़ी मशक्कत के बाद अगर होता भी है तो बिना चढ़ावा कुछ नहीं होता। शुरुआती दौर में जन्म मृत्यु तथा पेंशन से संबंधित कार्य अवश्य हुए परंतु अब सब कुछ बंद हो चुका है। लोगों की मानें तो इन कार्यों के लिए जिन कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है उनसे मुलाकात हो पाना भी मुश्किल हो जाता है। पडताल के दौरान सबसे चौंकाने वाली स्थिति सरायगढ भपटियाही प्रखंड में देखने को मिली। यहां पंचायतों में पदस्थापित कार्यपालक सहायकों को आज तक आईडी तक निर्गत नहीं किया जा सका है। जिसके कारण यह सेवा यहां के लोगों को गांव में नहीं मिल पा रही है। कमोबेस जिले के सभी पंचायतों का हाल एक ही जैसा है।


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पंचायतों में अब तक नहीं खुला आरटीपीएस काउंटर संवाद सूत्र, सरायगढ़( सुपौल): पंचायत के लोगों को अपने ही पंचायत के पंचायत भवन या फिर सरकार भवन में अधिकांश सुविधा उपलब्ध कराकर प्रखंड कार्यालय जाने के चक्कर से मुक्त करने हेतु 2 अक्टूबर को सरकार द्वारा की गई घोषणा सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में अभी तक फाइलों में ही सिमटा है। सरकार द्वारा की गई घोषणा में कहा गया था कि हर एक पंचायत में लोगों को आरटीपीएस काउंटर पर सुविधा मिलेगी। उसके लिए कर्मियों की भी तैनाती की गई। लेकिन 7 माह बीत जाने के बाद भी प्रखंड के किसी भी पंचायत में लोगों को आरटीपीएस काउंटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जरूरतमंद लोग जाति प्रमाण पत्र आवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र वृद्धावस्था पेंशन सहित अन्य सुविधाओं के लिए या तो प्रखंड कार्यालय परिसर में जाकर आनलाइन आवेदन करते हैं या फिर किसी दुकानदार के यहां उसे जाना पड़ता है। जबकि पंचायत के लोगों को अपने यहां के सरकार भवन या पंचायत भवन में यह सुविधा उपलब्ध होनी थी। जानकारी अनुसार आरटीपीएस काउंटर चलाने के लिए अभी तक एक भी कर्मी को आईडी नहीं दिया गया है। आईडी नहीं मिलने के कारण उस कार्य के लिए लगाए गए कर्मी चाह कर भी लोगों को सुविधा नहीं दे पा रहे हैं।
सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में 12 पंचायत है जहां प्रत्येक पंचायत में आरटीपीएस कर्मी तैनात हैं। तैनात अधिकांश कर्मी प्रखंड कार्यालय में रहकर अपना काम निपटाते हैं। प्रखंड मुख्यालय के पंचायत भवन सरायगढ़ में कार्यरत कर्मी कंचन कुमारी ने बताया कि उन्हें अभी तक विभागीय स्तर से आईडी प्राप्त नहीं हुआ है। आईडी नहीं मिलने के कारण वह लोगों को आरटीपीएस की सुविधा नहीं दे पा रही है जबकि वह दिनभर पंचायत में रहकर समय देती है। उसी तरह पिपरा खुर्द चांद पीपर मुरली लालगंज बगेवा टेंगराहा पिपरा खुर्द झिल्ला डुमरी शाहपुर पृथ्वीपट्टी छिटही हनुमान नगर लौकहा भपटियाही ढ़ोली तथा बनैनिया पंचायत में आरटीपीएस कार्य के लिए तैनात कर्मी ने बताया कि उन सबको आईडी नहीं मिलने के कारण भारी समस्या हो रही है। बताया कि जब आईडी ही नहीं मिला हुआ है तो पंचायत भवन या सरकार भवन में रहकर कौन सा काम कर सकते हैं। पंचायत भवन या फिर सरकार भवन में लोगों को आरटीपीएस सुविधा नहीं मिलने के कारण पूरे प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश लोगों को भपटियाही बाजार आना पड़ता है जिसमें उसे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है।

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