जिला बने दशकों हुए, लेकिन मां कात्यायनी स्थान तक पहुंचने के लिए नहीं है सड़क



संवाद सूत्र, चौथम (खगड़िया): खगड़िया की चर्चा प्रसिद्ध शक्ति पीठ मां कात्यायनी स्थान के बिना अधूरी है। यहां संपूर्ण देश से श्रद्धालु आते हैं। शारदीय नवरात्र और चैती नवरात्र पर यहां दूर-दूर से साधक जुटते हैं और मां की पूजा-अर्चना करते हैं। सोमवार और शुक्रवार को वैरागन के दिन मां के दरबार में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ जुटती हैं। मानसी सहरसा रेलखंड के धमारा घाट स्टेशन से डेढ़ किलोमीटर दूर पूरब दक्षिण के कोने में मां कात्यायनी मंदिर अवस्थित है। ऐसा कहा जाता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व यहां के तत्कालीन राजा मंगल सिंह व स्थानीय सिरपत जी महाराज के सहयोग से उक्त मंदिर का निर्माण कराया गया था। समय बीतता गया, स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। मंदिर में विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए न्यास समिति का भी गठन किया गया है। जिला स्थापना के 41 वर्ष हो रहे हैं, लेकिन आज तक यहां पहुंचने के लिए समुचित सड़क मार्ग नहीं है। स्थानीय मुखिया भुजंगी यादव, भावेश कुमार, कैलाश प्रसाद वर्मा, निकेश यादव, साकेत कुमार बबलू आदि ने बताया कि मां के इस पवित्र स्थान को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए वर्षों से मांग उठ रही है, लेकिन शासन-प्रशासन की ओर से इसे अनसुनी कर दी जाती है।

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