कोर्ट परिसर में फिर हुई सुरक्षा में चूक

संवाद सूत्र, सहरसा: दो दिन पहले ही व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार पर एक युवक पर पर की गई गोलीबारी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि बुधवार को एक बार फिर से कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था में चूक हो गई। न्यायालय में पेशी के बाद बाहर निकलते ही हत्यारोपित नीतीश कुमार पुलिस सुरक्षा बल को चकमा देकर फरार हो गया। आरोपित विचाराधीन बंदी मुख्य द्वार से ही निकलकर भाग गया। जबकि मुख्य द्वार पर सैप जवान डयूटी पर मुस्तैद थे। करीब साढे़ ग्यारह बजे हुई इस घटना ने एकबार फिर से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। अधिवक्ताओं ने भी इस घटना को लेकर रोष जताते हुए कहा कि गोली कांड के बाद भी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है। यह तो सौभाग्य रहा कि भाग रहे बंदी को देख पब्लिक भी उसका पीछा कर हल्ला करते रहे। जिस कारण वह हत्थे चढ़ गया।

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पटोरी का रहने वाला है हत्यारोपित
पूर्व प्रमुख विनोद चौरसिया हत्याकांड के मामले में पिछले तीन वर्षों से बंद नीतीश कुमार, ज्योतिष कुमार एवं लक्ष्मी मिस्त्री जिले के बिहरा थाना क्षेत्र के पटोरी गांव के रहने वाले हैं। पांच नवंबर 2019 में ही पूर्व प्रखंड विनोद चौरसिया की हत्या कर दी गई थी। इसी हत्या के मामले में सात आरोपित करीब तीन वर्षों से मंडलकारा में बंद है।
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प्रतिदिन 50- 60 की संख्या में आते हैं बंदी
कोर्ट में प्रत्येक दिन करीब 50-60 की संख्या में विचाराधीन बंदी पेशी के लिए आते है। सहरसा मंडलकारा से पुलिस वैन से हर दिन बंदियों को लाकर कोर्ट परिसर में ही बने सेशन व सदर हाजत में बंदियों को रखा जाता है। जिसके बाद पेशी अनुसार बंदियों को संबंधित कोर्ट में पेशी पुलिस सुरक्षा के बीच करायी जाती है। बुधवार को भी सेशन कोर्ट हाजत से हत्याकांड के सात बंदियों को हथकड़ी पहनाकर सिपाही उग्रमोहन ठाकुर पेशी के लिए न्यायालय ले गए। जहां से एक बंदी फरार हो गया था जिसे तुरंत ही भागने के दौरान ही पटेल मैदान से पकड लिया गया। इससे कोर्ट पुलिस कर्मियों को राहत मिली।

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