खरीफ सीजन की धान क्षतिपूर्ति की उम्मीद में किसान, अबतक नहीं हुआ भुगतान

संवाद सहयोगी, किशनगंज : पिछले खरीफ सीजन में बाढ़ व अतिवृष्टि के कारण हुई धान की फसल क्षति का अबतक भुगतान नहीं हो पाना किसानों से किए जाने वाले सरकारी दावों व आश्वासन की पोल खोल रहा है। जिले से क्षतिपूर्ति के आकलन का रिपोर्ट जिला कृषि पदाधिकारी ने राज्य आपदा सचिव को भेजा था। किशनगंज के सात प्रखंडों में अतिवृष्टि से बर्बाद हुए धान की खड़ी फसलों के विभाग के आकलन में सातों प्रखंड में कुल 16 हजार 685 हेक्टेयर पर धान की फसल बर्बाद हुई थी। इनमें कई किसान ऐसे थे जिन्होंने छोटी जोत के मालिक हैं। खेती के लिए बैंकों से कर्ज लेकर धान की रोपनी का साहस जुटाया था जो फसल क्षतिपूर्ति नहीं मिलने के कारण कर्ज तले अब भी दबे हुए हैं।


साल 2021 के खरीफ सीजन में किशनगंज जिले के सात प्रखंडों में आई बाढ़ व अतिवृष्टि से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इसकी वजह से कई किसानों की पूरी तो कुछ लोगों को आंशिक फसल बर्बाद हो गई थी। किसानों ने सड़कों पर आंदोलन भी किया। जनप्रतिनिधियों भी किसानों से क्षतिपूर्ति का भुगतान कराने का आश्वासन देते नजर आए थे। इसके बाद जिला आपदा विभाग द्वारा अक्टूबर 2021 में अतिवृष्टि क्षति का आकलन रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजा गया था। रिपोर्ट में सबसे अधिक प्रभावित कोचाधामन के बाद ठाकुरगंज प्रखंड के किसान रहे थे। किसानों के बर्बाद फसल के मुआवजा संबंधित रिपोर्ट अबतक विभाग के कार्यालय में धूल फांक रहा है। वहीं विभाग ने मौजूदा अप्रैल महीने के 10 तारीख को आए आंधी तूफान के साथ ओलावृष्टि में किसानों फिर से भारी क्षति का सामना करना पड़ा। इसका भी आपदा विभाग ने आकलन कर 5 हजार 656 हेक्टेयर पर फसल के नुकसान की रिपोर्ट भेजी है।

विभाग की ओर से डीबीटी पोर्टल खुलने का इंतजार कर रहे किसान::-

फसल क्षतिपूर्ति के लिए जिला स्तर पर रिपोर्ट तैयार की जाती है। संबंधित रिपोर्ट को पटना भेजा जाता है। विभाग के अधिकारी का कहना है कि डीबीटी पोर्टल खुलने पर किसानों को अपनी फसल क्षतिपूर्ति के लिए प्रतिवेदन करना होगा। इसके पश्चात विभाग सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आकलन कर क्षतिपूर्ति का भुगतान करेगी। लेकिन पोर्टल कब खोले जाएंगें इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। प्रखंड वार फसल क्षति :::-

प्रखंड - क्षति आंकलन
किशनगंज - दो हजार 11 हेक्टेयर
कोचाधामन- चार हजार 781 हेक्टेयर
ठाकुरगंज- तीन हजार 529 हेक्टेयर
बहादूरगंज- दो हजार 151 हेक्टेयर
टेढ़ागाछ- तीन हजार 166 हेक्टेयर
दिघलबैंक- एक हजार 30 हेक्टेयर
पोठिया- 17 हेक्टेयर

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