टीबी रोगियों की तलाश में बढ़ी सजगता, 78 फीसद उपलब्धि

दीपक शरण, पूर्णिया। विभागीय लापरवाही सरकार के 2025 तक टीबी रोग उन्मूलन में बाधा साबित हो रही है। इसको लेकर सजगता तो बढ़ी है लेकिन उपलब्धि अभी भी 78 फीसद ही है जो शत प्रतिशत के लक्ष्य से दूर है।

जिले में लक्ष्य की तुलना में लगातार कई वर्षों से कम रोगियों की पहचान हो रही है। सरकारी स्तर पर पहचान की स्थिति काफी खराब है। जिले में 2021 में 6 हजार 230 संभावित टीबी मरीजों थे। महज 4 हजार 853 रोगियों की ही पहचान हुई। लक्ष्य के तुलना में 78 फीसद है। इससे पहले भी जिले में लक्ष्य की तुलना में 25 फीसद से अधिक की कमी थी। पिछले वर्ष चार हजार 591 कुल रोगियों की पहचान हुई। रोग उन्मूलन में रोगी पहचान दर में कमी को सबसे बड़ी बाधा मानी जाती है। 22 फीसद रोगी ऐसे हैं जो इलाज से वंचित रह जाते हैं। जिसकी पहचान विभाग नहीं कर पा रहा है। इलाज से वंचित रोगी के कारण टीबी रोगी फैलाव के बड़े वाहक बन जाते हैं और उनके जान को भी जोखिम होता है। इस वर्ष अबतक 1243 टीबी रोगी की पहचान की गई है। लक्ष्य तुलना में उपलब्धि 47 फीसद है। सरकारी स्तर पर 814 और निजी स्तर पर 429 रोगी की पहचान हुई है। पिछले वर्ष मई माह तक उपलब्धि काफी अधिक थी। सरकारी स्तर पर 685 और निजी स्तर पर 1307 टीबी रोगी की पहचान इस वर्ष तक की गई थी।

जिले में टीबी नेट मशीन खराब -:
जिले में टीबी नेट मशीन से जांच में बड़ी बाधा इसका बराबर खराब रहना है। ट्रुनेट मशीन प्रत्येक प्रखंड में लगाने की घोषणा के बावजूद भी अबतक इस पर जांच प्रारंभ नहीं हो सका है। ओपीडी और जांच की खराब स्थिति संदिग्ध टीबी रोगी जांच नहीं करवाते हैं और उपचार भी नहीं हो पाता है। जिला तपेदिक विभाग की लापरवाही अब जिले के गरीब आम लोगों पर भारी पड़ रही है। सर्वे अभियान में भी संदिग्ध रोगी पहचान दर महज 60 फीसद है। जिले को संवेदनशील जिले की श्रेणी में रखा गया है। जिले में मार्म कार्यक्रम के
अंतर्गत टीबी रोगी की खुराक की आनलाइन निगरानी होती है। ज्वाइंट एफर्ट फार एलिमिनेशन आफ टीबी प्रोजेक्ट कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में टीबी रोगियों की खुराक पर नजर रखी जाती है। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डा. मु. साबिर ने बताया कि रोगी पहचान दर के लिए सर्वे अभियान चलाया जा रहा है।
टीबी को ले जागरूकता आवश्यक -:
डा. मु. साबिर ने बताया कि दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी हो साथ में खून आना या छाती में दर्द जैसे लक्षण हो। वजन कम हो रहा और थकान भी महसूस हो तो यह टीबी रोग के लक्षण हो सकते हैं। शाम को बुखार आना, ठंड लगना और रात के वक्त पसीना आना भी टीबी रोग के लक्षण के अंतर्गत आते हैं।
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