संवाद सहयोगी, जमुई : खैरा थाना क्षेत्र में निरंतर चौकीदारों की संख्या घट रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की रखवाली करने की जगह अब चौकीदारों की तैनाती सरकारी कार्यालयों तक ही सीमित रह गई है। चौकीदार पद का सृजन ग्रामीण क्षेत्रों की रखवाली के लिए हुआ था। जानकारी के मुताबिक खैरा थाना क्षेत्र में एक दशक पूर्व चौकीदारों-दफादारों की संख्या 64 हुआ करती थी। लेकिन, अब यह घटकर 32 रह गई है। यहां चौकीदार 31 तथा दफादार एक हैं। बताया जाता है कि समय से पूर्व चौकीदारों की आकस्मिक मृत्यु होने या सेवानिवृत होने के कारण इनकी संख्या निरंतर घट रही है। जानकार बताते हैं कि चौकीदार-दफादार के निधन अथवा अवकाश ग्रहण से रिक्त पदों पर नई बहाली नई बहाली नहीं हो रही है।
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60 घरों पर होता है एक चौकीदार का पद सृजित सरकारी नियमों के अनुसार 60 घरों पर एक चौकीदार का पद सृजित होता है। लेकिन, इस प्रविधान पर अमल नहीं हो पा रहा है। जबकि चौकीदार-दफादार पुलिस के लिए आंख-कान होते हैं। कानून व्यवस्था और सूचना संग्रहण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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समय के साथ बदल गई चौकीदारों की भूमिका
चौकीदारों को समाज के हर वर्ग के लोगों के बारे में जानकारी होती थी और ये समाज की हर गतिविधियों पर निगरानी रखते थे। चौकीदारों को थानाध्यक्ष को भी सूचना उपलब्ध कराने का बेहतर जरिया माना जाता था। चौकीदारों से प्राप्त सूचना का थानाध्यक्ष बेहतर इस्तेमाल किया करते थे। किसी भी घटना पर कार्रवाई करने से पूर्व थानाध्यक्ष चौकीदारों से विस्तृत जानकारी प्राप्त करते थे। जिससे गलतियों के कम होने की आशंका रहती थी। लेकिन, समय के साथ चौकीदारों की भूमिका भी बदल गई। अब ये चौकीदार बैंक, चौराहे तथा अन्य सरकारी कार्यालयों तक की पहरेदारी के लिए सिमट कर रह गए हैं।