अगुवानी सुल्तानगंज महासेतु मामले की जांच रिपोर्ट पर टिकी है सबकी नजर

संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया): दूध की नगरी खगड़िया को रेशम की नगरी भागलपुर से जोड़ने वाली निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज महासेतु आज विवादों में है। गंगा नदी पर यह महासेतु बन रहा है। 30 अप्रैल को महासेतु के सुल्तानगंज साइट से पाया नंबर पांच के सुपर स्ट्रक्चर का सेगमेंट 50 मीटर में गिर गया। इसके बाद से महासेतु की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। महासेतु का निर्माण एसपी सिगला कंपनी कर रही है। हालांकि कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक कुमार झा बार-बार गुणवत्ता पूर्ण कार्य का दावा कर रहे हैं। उनकी माने तो 29 अप्रैल की रात आंधी आई, बारिश हुई और 30 अप्रैल की अल सुबह उन्हें महासेतु के सुपर स्ट्रक्चर के सेगमेंट 50 मीटर में गिरने की सूचना मिली।


इधर महासेतु के मटेरियल क्वालिटी, डिजाइन ड्राइंग आदि के बारे में सवाल उठने लगे हैं। सीपीआइ, सीपीआइ(एम) के नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। बताते चलें कि पहले निर्माण कंपनी दावा कर रही थी, कि, दिसंबर तक महासेतु को तैयार कर हैंड ओवर कर दिया जाएगा। अब इस पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के अधिकारी अभी भी कह रहे हैं कि तय समय सीमा के अंदर कार्य पूर्ण हो जाएगा। मालूम हो कि 45 पिलरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। सुपर स्ट्रक्चर का कार्य तेज गति से चल रहा था, कि, 30 अप्रैल को यह हादसा हुआ। बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को परबत्ता के केएमडी कालेज मैदान में महासेतु का शिलान्यास किया था। मार्च 2015 में एसपी सिगला कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू किया। तबसे लेकर अब तक गंगा में न जाने कितना पानी बह चुका है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। कभी कोरोना और लाक डाउन, कभी गंगा की बाढ़ और अब सुपर स्ट्रक्चर के सेगमेंट का 50 मीटर में गिरना, ने बाधा उत्पन्न किया है। सूत्रों के अनुसार निर्माण कंपनी आंधी-बारिश की आड़ ले रही है, लेकिन मामला गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है। अब सभी की नजर जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई है। पटना और मुंबई से आकर जांच टीम हादसा स्थल का निरीक्षण कर चुकी है।

अन्य समाचार